लाइव टीवी

Ayodhya Trip: रहस्‍य, रोमांच और आस्‍था का संगम है अयोध्या, श्रीराम की नगरी में देखना न भूलें ये जगहें

Updated Nov 07, 2019 | 11:36 IST | Ritu

सरयू नदी के तट पर स्थित अयोध्या (Ayodhya) प्राचीन तीर्थस्थलों में एक है। रामजन्म भूमि पर आकर न केवल अध्यात्मिक शांति मिलती, बल्कि यहां इतिहास को जानने का भी मौका मिलता है।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Famous Places To Visit In Ayodhya
मुख्य बातें
  • भगवान श्रीराम की नगरी समेटे हुए है कई राज
  • सतयुग की कई निशानियां इस शहर में मौजूद हैं
  • सीता रसोई, हनुमानगढ़ी जैसे कई स्थल दिल को छू लेंगे

यह शहर भगवान राम की नगरी के नाम से जाना जाता है, लेकिन ये शहर हर धर्म और संप्रदाय से जुड़ा हुआ है। हर धर्म के महापुरुषों का संबंध इस शहर से रहा है। इसलिए भी ये शहर कई मायनों में महत्वपूर्ण हो जाता है। हालांकि सर्वप्रथम ये राम की नगरी मानी गई है। भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में भगवान राम ने सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या में जन्म लिया था।

 हिंदू धर्म में अयोध्या एक तीर्थस्थल है] लेकिन यहां बौद्ध, जैन और इस्लाम धर्म के भी कुछ न कुछ अंश मिलते हैं। हर किसी को एक न एक बार इस पवित्र नगरी में जरूर आना चाहिए क्योंकि यहां देखने और समझने लायक बहुत कुछ है। तो आइए आज अयोध्या के पर्यटन स्थल के बारे में जानें।

मुगल बादशाह ने बनवाया था मस्जिद
1527 में मुगल बादशाह ने यहां मस्जिद का निर्माण करवाया था, माना जाता है कि इसी स्थान पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। अयोध्या नगरी में बहुत कुछ ऐसा है जो यहां आने वालों को अपने आप में बांध लेता है। इसलिए जीवन में एक बार अयोध्या जरूर आना चाहिए। ये वो शहर है जहां आकर अध्यात्मिक शांति मिलती है।

श्रीराम के पुत्र ने बनवाया था नागेश्वरनाथ मंदिर
भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने अयोध्या में नागेश्वरनाथ मंदिर का निर्माण कराया था। ये मंदिर भगवान शिव का हैं और अस्था का प्रमुख केंद्र है।

गुलाब बाड़ी 
गुलाब के फूलों के बगीचे के बीच स्थत शुजाउद्दौला का मकबरा गुलाबबाड़ी के नाम से जाना जाता है। ये बगीचा इतिहास के कई पन्नों को लपेटे हुआ है। इस स्थान पर गुलाबबाड़ी के बगीचे के साथ ही इमामबाड़ा और मस्जिद भी मौजूद है।

हनुमानगढ़ी 
भगवान श्रीराम के स्थल पर हनुमानजी का वास न हो ऐसा नहीं हो सकता। दसवीं सदी में बना हनुमान गढ़ी मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है। इस मंदिर तक जाने के लिए 76 सीढ़ियां हैं और इस मंदिर की भव्यता भी बहुत है।

कनक भवन
सोने के घर के नाम से प्रसिद्ध इस स्थान को कनक भवन के नाम से भी जाना जाता है। यहां मौजूद भगवान श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा है और इन प्रतिमाओं पर जो मुकुट है वह सोने का है। यह भवन बेहद खूबसूरत और भव्यता समेटे हुए है। माना जाता है कि विवाह के बाद श्रीराम जी की माता कौशल्या ने इसे मुंह दिखाई के रूप में माता सीता को भेंट किया था।

दशरथ भवन
शहर के बीचो बीच स्थित दशरथ भवन भगवान श्रीराम के पिता दशरथ का है। यहां राजा दशरथ ने अपने जीवन के बहुत बड़ा समय व्यतीत किया था। ये भवन बेहद भव्य है और इसे देखने के बाद ही इसकी भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

मणि पर्वत
मणि पर्वत का उल्लेख रामायण में भी मिलता है। ये वही संजीवनी बूटी का पर्वत का हिस्सा है जो बजरंगबली युद्ध में घायल लक्ष्मण जी के उपचार के लिए लंका ले जा रहे थे और उसका एक टुकड़ा आयोध्या में गिर गया था। इसे मणि पर्वत के नाम से जाना जाता है। इस पर्वत पर सम्राट अशोक द्वारा निर्मित स्तूप एवं बौद्ध मठ भी मौजूद है।

सीता की रसोई
सीता की रसोई असल मायने में एक मंदिर है और शादी के बाद पहली बार माता सीता ने यहीं अपनी रसोई बनाई थी। मंदिर के एक कोने में रसोई घर की झलक नजर आती हैं। यहां उस काल के बर्तन आदि भी देखने को मिलेंगे। मंदिर परिसर के दूसरे किनारे में भगवान श्रीराम के साथ चारों भाईयों और उनकी पत्नियों की प्रतिमांए भी हैं।

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में घूमने का अच्छा समय नवंबर से मार्च तक होता है। तो ऐसे में अब मौसम भी घूमने के लिए अनुकूल हो चुका है।