- हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे मनाया जाता है
- पिछले कुछ सालों से योगा व्यायाम का एक सबसे बेहतरीन व पॉपुलर जरिया बन गया है
- मेंटल हेल्थ के लिए किए जाने वाले योग को मेडिटेशन कहा जाता है
पिछले कुछ सालों से योगा व्यायाम का एक सबसे बेहतरीन व पॉपुलर जरिया बन गया है। अब वेट लज करना हो या फिर फिट होने की बात हो हर कोई फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज से ज्यादा योगा को प्राथमिकता देता है। इतना ही नहीं कैंसर, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज यहां तक कि मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए भी आजकल लोग योग का सहारा ले रहे हैं।
मेंटल हेल्थ के लिए किए जाने वाले योग को मेडिटेशन कहा जाता है। इस योग को करने से मेंटल पीस यानि कि मानसिक शांति मिलती है। मेडिटेशन एक प्रकार का योग है जिसे करने से मन मस्तिष्क को शांति मिलती है और हमारा मन एकाग्र हो पाता है। कहा जा सकता है कि कंसंट्रेशन पावर को बढ़ाने के लिए मेडिटेशन किया जाता है।
यहां आपको ये जान लेना आवश्यक है कि एक बार मेडिटेशन करने से कभी भी मानसिक शांति नहीं मिलती है। ये प्रैक्टिस करने की यीज है और हर रोज जितना आप इस पर ध्यान देंगे उतना ही आप अवसाद, स्ट्रेस और डिप्रेशन से अपने आपको निजात दिला पाएंगे। मेडिटेशन कितने प्रकार के होते हैं-
स्प्रिचुअल मेडिटेशन
इस प्रकार के मेडिटेशन में अपने आपको ईश्वर कनेक्ट करने की कोशिश की जाती है। आध्यात्म से जुड़े लोग इस तरह के योग को महत्व देते हैं। इसमें शांत मुद्रा में या फिर मंत्रोच्चारण करके ध्यान लगाया जाता है इसे स्प्रिचुअल योगा कहते हैं। वैसे लोग जो आध्यात्म में रुचि रखते हैं आध्यात्म की तरफ जिनका ज्यादा झुकाव होता है वे इस तरह के योगा करते हैं।
मूवमेंट मेडिटेशन
हालांकि मेडिटेशन का मूल रुप स्प्रिचुअल होता है लेकिन कुछ मेडिटेशन ऐसे भी हैं जिन्हें मूवमेंट करते हुए भी किया जा सकता है। इस तरह के मेडिटेशन जॉगिंग, गार्डनिंग, वॉकिंग आदि कहलाते हैं।
फोकस्ड मेडिटेशन
अगर आप अपने माइंड को फोकस्ड बनाना चाहते हैं तो आपके लिए फोकस्ड मेडिटेशन बेस्ट है। यह किसी भी समय किया जा सकता है। आप इसे सोते हुए बैठे हुए या चलते हुए किया जा सकता है। आप बैठे हुए शांत मुद्रा में भी फोकस्ड मेडिटेशन कर सकते हैं या फिर सोते हुए भी इश मेडिटेशन को कर सकते हैं। इस दौरान आपको अपने श्वास पर कंट्रोल करना होता है।
मंत्रोच्चारण करते हुए मेडिटेशन
मंत्रोच्चारण करते हुए भी मेडिटेशन किया जा सकता है। ओउम का उच्चारण करते हुए भी मेडिटेशन किया जाता है जिससे भी मन को शांति मिलती है। हालांकि इसमें ध्यान रखें कि मंत्रोच्चारण धीमे आवाज में होना चाहिए तेज आवाज में नहीं।