- हर साल 23 जून को ओलंपिक डे मनाया जाता है
- 1947 में ओलंपिक डे मनाने की शुरुआत हुई थी
- इस दिन फिटव हेल्दी रहने के लिए वर्क आउट करने का चलन होता है
ओलंपिक डे स्पोर्ट्स, हेल्थ जैसे सेक्टर को सेलिब्रेट करने का दिन है। इस दिन फिट रहने के लिए वर्क आउट करने का चलन होता है। ये दिन दुनियाभर के लोगों से ये आह्वान करता है कि वे शारीरिक रुप से एक्टिव रहें। इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी का गठन 1894 में हुआ था। हर साल 23 जून को ओलंपिक डे मनाया जाता है। इस साल कोविड-19 की वजह से होम वर्कआउट पर फोकस किया जा रहा है। ऐसे में इस साल का ओलंपिक डे दुनिया का सबसे बड़ा और पहला 24 घंटे डिजिटल ओलंपिक वर्कआउट बन गया है।
यहां आपको बता दें कि इस ओलंपिक डे इवेंट में हिस्सा लेने के लिए आपको ओलंपियन बनना जरूरी नहीं है आपको बस हेल्दी व फिट रहने के लिए अपने घर पर ही वर्कआउट करना है। इस बार की थीम है-#StayHealthy, #StayStrong, and #StayActive! इस दिन आप अपने फेवरेट एथलीट के साथ ऑनलाइन वर्कआउट कर सकते हैं। दुनियाभर के चुनिंदा एथलीट आज ओलंपिक्स इंस्टाग्राम पर पर ऑनलाइन आकर लोगों को फिट रहने के लिए मोटिवेट करते हैं और वर्कआउट करते हैं।
ओलंपिक डे का इतिहास
ओलंपिक डे के इतिहास में इस साल 2020 में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब यह पूरी तरह से डिजिटल होगा। बता दें कि इसकी शुरुआत 1947 में हुई थी। 1947 में स्टॉकहोम में आयोजित इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (ioc) के 41वें सत्र में कमेटी के सदस्य डॉक्टर जोसेफ ग्रूस ने वर्ल्ड ओलंपिक डे का आइडिया दिया था। उन्होंने कहा था कि ओलंपिक्स जिस चीज के लिए जाना जाता है उसे हर साल सेलिब्रेट किया जाए।
कुछ महीनों के बाद जनवरी 1948 में 42वें आइओसी सत्र में इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई। इस इवेंट को ऑर्गनाइज करने की जिम्मेदारी नेशनल ओलंपिक कमेटी को दे दी गई। बता दें कि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (ioc) का गठन पेरिस में 23 जून 1894 को हुआ था।
पहला ओलंपिक डे
पहला ओलंपिक डे 23 जून 1948 को मनाया गया। पुर्तगाल, ग्रीस, ऑस्ट्रिया, कनाडा, स्विटजरलैंड, ग्रेट ब्रिटेन, उरुग्वे, वेनेजुएला, बेल्जियम में पहली बार ओलंपिक डे मनाया गया था। आईओसी के प्रेसीडेंट ने उस साल दुनियाभर के युवाओं को एक संदेश जारी किया था और उन्हें प्रेरित किया था।
ओलंपिक डे को क्या होता है
इस दिन खास तौर पर वर्कआउट इवेंट का आयोजन किया जाता है या फिर कहीं पर दौड़ प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है जहां सड़कों पर मैराथन किया जाता है। इसे ओलंपिक डे रन कहते हैं। हालांकि ओलंपिक डे केवल वर्कआउट करने और दौड़ने का ही नहीं होती है, साल दर साल इसमें काफी विस्तार भी हो रहा है और इसकी पॉपुलैरिटी भी बढ़ रही है। अब तो कई स्कूलों के करिकुलम में भी ओलंपिक डे को शामिल कर लिया गया है।