- प्रियंका गांधी वाड्रा ने बेसिक शिक्षकों की भर्ती के मामले की तुलना मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से की
- प्रियंका ने कहा कि सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा
- 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर रोक के मामले पर लखनऊ खंडपीठ ने निर्णय सुरक्षित रखा है
लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती के मामले की तुलना मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से की है। प्रियंका ने किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा '69000 शिक्षकों की भर्ती का घोटाला उत्तर प्रदेश का व्यापमं घोटाला है।"उन्होंने कहा "इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं। डायरियों में छात्रों के नाम, धन का लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना, ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं।'
कांग्रेस महासचिव ने राज्य सरकार को आगाह किया 'मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा।' गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत 3 जून को प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
न्यायमूर्ति आलोक माथुर की अदालत का कहना था कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक विशेष याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियामक आयोग (ईआरए) द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर आगामी 9 जून को सुनवाई करेगी।
इस मामले पर लखनऊ खंडपीठ ने निर्णय रखा सुरक्षित
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर रोक के मामले में सरकार की अपील को सुनवाई के लिये सोमवार को अनुमति दे दी किंतु इस मामले में एकल न्यायाधीश की पीठ के निर्णय पर रोक लगाने के सरकार के अनुरोध पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।इस मामले में सरकार की ओर से दाखिल विशेष अपील पर सोमवार को सुनवाई हुई। यह अपील नौ जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी लेकिन सरकार ने शीघ्रता की ओर ध्यान दिलाते हुए इस पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया।
सुनवाई के समय अभ्यर्थियों में से एक रिषभ की ओर से अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने अपना जवाब दाखिल किया।अदालत ने अन्य अभ्यर्थियों की ओर से पेश वकीलों एचजीएस परिहार, सुदीप सेठ और जेएन माथुर आदि को मंगलवार सुबह 10 बजे तक उनका जवाब लिखित में देने को कहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को एक विशेष याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश में 69 हजार बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियामक आयोग (ईआरए) द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर आगामी नौ जून को सुनवाई करने को कहा था।
ईआरए ने अपनी अपील में कहा कि प्रदेश में 69 हजार बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने संबंधी एकल पीठ का तीन जून का निर्णय 'अवैध' है। न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने प्रदेश में 69 हजार बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। अदालत का कहना था कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे।