- गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश 2020 के प्रारूप को स्वीकृति
- अध्यादेश के तहत यूपी में गोवध करने वालों को दस साल की जेल और 5 लाख जुर्माना
- अंग भंग करने पर 7 साल की जेल और 3 लाख तक जुर्माना लगेगा।
लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ का गोवंश के साथ प्रेम जगजाहिर है। वो हर मौके पर जब कभी गोवंश का जिक्र होता रहा है तो न केवल अपनी चिंता जाहिर करते रहे हैं बल्कि लोगों से अपील भी करते रहे हैं कि गोवंश के संरक्षण के लिए आगे आएं। अब यूपी सरकार ने इस संबंध में बड़ा फैसला लिया है। राज्य विधानमंडल का सत्र ना होने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 लाने का ने केवल फैसला किया बल्कि अमलीजामा भी पहनाया।
1955 से जुड़े महत्वपूर्ण कानून में बदलाव
अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि गोवध निवारण कानून को और अधिक मजबूत बनाने के मकसद से उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 1955 के इस कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया। राज्य कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 लाने का फैसला किया। इस अध्यादेश को लाने तथा उसके स्थान पर विधानमंडल में विधेयक पेश कर पुन: पारित कराये जाने का फैसला भी कैबिनेट ने किया।उन्होंने बताया कि राज्य विधानमंडल का सत्र ना होने तथा शीघ्र कार्रवाई किये जाने के मद्देनजर अध्यादेश लाने का फैसला किया गया।
गोवंंश संरक्षण के लिए अध्यादेश
- अध्यादेश के तहत यूपी में गोवध करने वालों को दस साल की जेल और 5 लाख जुर्माना लगाने की तैयारी है।
- अंग भंग करने पर 7 साल की जेल और 3 लाख तक जुर्माना लगेगा।
'गोवंश के खिलाफ रुकेगा अपराध'
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार क्या कहते हैं यह जानना और समझना जरूरी है। वो बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश 2020 के प्रारूप को स्वीकृति गोवध निवारण अधिनियम को और अधिक सुदृढ़ संगठित एवं प्रभावी बनाने का निर्णय अधिनियम का उद्देश्य गोवंश की रक्षा तथा गोकशी से संबंधित अपराधों को पूर्णत रोकना है।
अपराधियों में भय होगा व्याप्त
गोवध निवारण अध्यादेश पर निदेशक सूचना शिशिर ट्वीट कर कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 प्रस्तावों पर मुहर लगा दी जिसमें गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश प्रमुख है। इसके तरह कड़े कानूनी प्रावधान किए गए हैं ताकि कोई शख्स गोवंश को नुकसान न पहुंचा सके। अगर कोई गोवंश को नुकसान करने का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कानून के तहत कार्रवाई होगी।
जानकार भी योगी आदित्यनाथ शैली की करते हैं तारीफ
कोरोना काल में जिस तरह से देश के अलग अलग सूबे मुश्किलों का सामना कर रहे हैं उसमें अगर यूपी के रिकॉर्ड को देखें तो तस्वीर राहत देने वाली है। करीब 23 करोड़ के जनसंख्या वाले प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या भले ही 10 हजार के करीब हो एक बेहतर तस्वीर यह है कि यहां पर स्वस्थ होने वालों की तादाद 60 फीसद के आसपास है। इसके बारे में जानकार कहते हैं कि यह योगी आदित्यनाथ की शासन शैली खास विशेषता माना जा सकता है। उन्होंने नियमों के तोड़ने वालों को दंडित किया तो प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर उनका मानवीय चेहरा भी सामने आया।