लखनऊ : करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र गंगा नदी आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में किसानों की आय का जरिया बनेगी। मुख्यमंयत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने प्रदेश में गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में आनेवाले गांवों में ऑर्गेनिक खेती और बागवानी को बढ़ावा देने और उन्हें अपने उत्पादों को बेचने के लिए बड़ा बाजार मुहैया कराने की योजना तैयार की है, जिससे गंगा नदी किसानों की आय का जरिय बन सकेगी।
उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्रालय के साथ-साथ कृषि एवं बागवानी विभाग ने योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके मुताबिक, प्रदेश में गंगा नदी के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले खेतों में कृषि कार्य के लिए रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इन इलाकों में किसानों को अनाज, फल और फूलों की आर्गेनिक खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण और खेती के लिए जरूरी आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
एक साथ मिलेंगे कई फायदे
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की इस योजना से एक साथ कई फायदे होंगे। देश के बड़े बाजारों और विदेशों में भी ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग को देखते हुए जहां इससे किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, वहीं गंगा नदी के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाली खेतों में रासायनिक उर्वरक के इस्तेमाल नहीं होने से इसे प्रदूषण मुक्त रखने में भी मदद मिलेगी। साथ ही इससे प्रदेश में बड़ी मात्रा में ऑर्गेनिक फसलों का उत्पादन भी होगा, जो यहां की अर्थव्यवस्था के हिसाब से भी फायदेमंद होगा।
योगी सरकार की योजना गंगा के किनारे बसे गांवों में सॉलिड वेस्ट और कूड़े के निस्तारण के उचित प्रबंधन के साथ-साथ पॉलीथीन को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की भी है, ताकि गंगा नदी को प्रदूषण से बचाया जा सके। कटान से बचाने के लिए नदी के दोनों ओर पीपल, पाकड़, आम, जामुन और बरगद के पौधे लगाने की भी योजना है। गंगा नदी के किनारे अधिक से अधिक पौधरोपण हो सके, इसके लिए हर जिले में गंगा नर्सरी विकसित की जाएगी, जबकि पौधों की चोरी रोकने के लिए इनकी जियो टैगिंग भी होगी।