- 'हर हाथ को काम, हर घर को रोजगार' के अपने मिशन पर काम कर रही योगी सरकार
- गरीब कल्याण योजना के तहत 1 एक करोड़ 25 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा
- इससे पहले सरकार अनलॉक 1 में 90 लाख लोगों को रोजगार के अवसर दे चुकी है
लखनऊ : कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुए उत्तर प्रदेश के निवासियों और प्रवासियों को काम देने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार निरंतर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने संकल्प "हर हाथ को काम, हर घर को रोजगार" के साथ प्रदेश के कामगारों के जीवन को पटरी पर लाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उनका यह प्रयास सार्थक दिखाई दे रहा है, सरकार अब तक 90 लाख कामगारों को रोजगार के विभिन्न माध्यमों से जोड़ चुकी है।
अगली कड़ी में सरकार सवा करोड़ कामगारों को रोजगार देने की योजना बना रही है। 26 जून को बाकायदा बड़ी संख्या में कामगारों को काम दिया जाएगा। ग्राम्य विकास और पंचायती राज विभाग को इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजगार देने की योजना का शुभारंभ करेंगे और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से श्रमिकों से बात भी करेंगे। योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इसकी तैयारियों की समीक्षा भी की।
मुख्यमंत्री ने बताई अहम बातें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 26 जून को गरीब कल्याण योजना (Garib Kalyan Yojana) के तहत 1 एक करोड़ 25 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इनमें एमएसएमई और मनरेगा में सर्वाधिक अवसर दिए जाएंगे। इससे पहले सरकार अनलॉक 1 में 90 लाख लोगों को रोजगार के अवसर दे चुकी है।
श्रमिकों के लिए बनाया आयोग
उत्तर प्रदेश में 35 लाख से ज्यादा कामगार एवं श्रमिक उत्तर प्रदेश में आ चुके हैं। जिसमें 22,26,254 कामगारों एवं श्रमिकों को ट्रेनों के माध्यम से लाया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रमिकों के हितों का संरक्षण करने के उद्देश्य से कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का गठन किया है। देश का ऐसा कोई राज्य नहीं है, जिसने श्रमिकों एवं कामगारों के बारे में ऐसा सोचा हो। यह आयोग श्रमिकों के विकास और सुरक्षा की दिशा में कार्य करेगा।