- कोरोना से राज्य कर्मचारी भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए हैं
- राज्य कर्मचारियों को सरकार अधिकतम 21 दिनों का विशेष अवकाश स्वीकृत करेगी
- कोरोना की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार यह फैसला करने जा रही है
UP State Employees: यूपी में अभी तक राज्य कर्मचारियों के लिए कोरोना संक्रमण की स्थिति में विशेष अवकाश की व्यवस्था नहीं है. कोरोना की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार यह फैसला करने जा रही है. वित्त विभाग के इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश में बीते दो वर्षों के दौरान कोरोना वायरस से राज्य कर्मचारी भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए हैं. बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए और होम आइसोलेशन में रहने या इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने के कारण कार्यालय में अनुपस्थित रहे।
इन कारणों की वजह से अनुपस्थित थे कर्मचारी
परिवार के सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने पर स्वजनों की तीमारदारी और आइसोलेशन के तकाजे की वजह से कर्मचारी कार्यालय नहीं आ सके और उनकी अनुपस्थिति दर्ज की गई। ऐसे कर्मचारियों की भी बड़ी तादाद है जिनके घर कंटेनमेंट जोन में थे। कंटेनमेंट जोन में लागू पाबंदियों की वजह से वे कार्यालय आने में असमर्थ थे।
वित्त विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक ऐसे राज्य कर्मचारी जो स्वयं या उनके परिवार के सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने के कारण कार्यालय में अनुपस्थित रहे, उन्हें उनकी या परिवार के सदस्यों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने तक या 21 दिन, जो भी कम हो, विशेष अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।
कर्मचारियों को मिलेगा विशेष अवकाश
राज्य कर्मचारियों को कोविड की वजह से 21 दिनों से ज्यादा समय तक कार्यालय में अनुपस्थित रहना पड़ा हो तो 21 दिन के विशेष अवकाश के बाद उसके खाते में दर्ज छुट्टियां समायोजित की जाएंगी।
कंटेनमेंट जोन के मामले में विशेष अवकाश उस अवधि तक के लिए स्वीकृत होगा. जब तक वहां आवागमन पर रोक लागू रही हो। यदि कोई कर्मचारी दो बार कोरोना संक्रमित हुआ है तो उसे दो बार विशेष अवकाश का लाभ दिया जाएगा।