लखनऊ: 'योगी जी, मुझे विश्वास नहीं होता कि मेरी शिकायत के केवल 30 मिनट के भीतर ही आपने कड़ी कार्रवाई की। मैं आपको पसंद तो पहले से करता ही था लेकिन अब मेरी नजर में आपका सम्मान पहले से और बढ़ गया है। आपको ढेर सारा प्रेम'। ये केवल शब्द ही नहीं बल्कि एक छोटे उद्योगपति की भावनाएं हैं, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध लिए गए एक्शन के कारण उमड़ी हैं।
सीएम योगी ने एक बार फिर ये साबित कर दिया कि उनके शासन में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है।दरअसल गुजरात के एक उद्योगपति मनोज डेडिया ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर अकाउंट पर अनिल कुमार चौधरी, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, रायबरेली के विरुद्ध भ्रष्टाचार सम्बन्धी शिकायत करते हुए लिखा कि अधिकारी ने उद्योग को चलाने और अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में पैसों की मांग की है।
उन्होंने उद्योग बंधु और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सम्बन्धित अधिकारियों से बातचीत की एक ऑडियो क्लिप भी साझा की, जिससे ये स्पष्ट होता है कि अधिकारी द्वारा उद्योग के संचालन के लिए मनोज डेडिया से रिश्वत मांगी की गई है।
भ्रष्टाचार की इस शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई करने और मामले की जांच करने के आदेश दिए। साथ ही अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी की तुरंत कार्रवाई से खुश हो कर शिकायतकर्ता ने ट्विटर पर धन्यवाद देते हुए अपनी भावनाएं भी व्यक्ति की हैं।