- सीएम योगी के लिए बड़ी उपलब्धि चार एक्सप्रेस-वे का निर्माण
- बेहतर कनेक्टिविटी से उद्योगों से सामान प्रदेश से एक्सपोर्ट हो सकेगा
- ये एक्सप्रेस वे प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को पंख लगाने का काम करेंगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प और प्रेरणा से उत्तर प्रदेश का नवनिर्माण हो रहा है और यह नए भारत के निर्माण में योगदान दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की नई रफ्तार पकड़ रहा है और इसकी झलक बीते कुछ महीनों में ना केवल प्रदेशवासी बल्कि देशवासियों ने भी देखी। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश अब एक्सप्रेस प्रदेश के रूप में पहचाना जाने लगा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) जनता को समर्पित हो चुका है और अब योगी आदित्यनाथ के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस (Ganga Expressway) की आधारशिला रखे जाने की शुभ घड़ी आ गई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाहजहांपुर में देश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे। इसी के साथ यूपी के 12 जिलों के 519 गांवों से होकर गुजरने वाले गंगा एक्सप्रेस के धरातल पर उतरने की कवायद तेज हो जाएगी।
एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ बनेंगे औद्योगिक गलियारा
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल लिंंक एक्सप्रेस वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे (Bundelkhand Expressway) प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को पंख लगाने का काम करेंगे और यूपी के इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूत रीढ़ बनेंगे। लंबे समय से प्रदेश को जिस आर्थिक विकास की तमन्ना थी, उसे आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। एक तरफ प्रदेश में आवागमन को सुगम करेंगे, वहीं दूसरी तरफ उपेक्षित स्थानों की प्रगति का मार्ग भी प्रशस्त करेंगे। इन सभी एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्र को औद्योगिक विकास के नजरिए से विकसित किया जाएगा और इनके दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा। इन गलियारों में खाद्य प्रसंस्करण, एमएसएमई इकाइयां, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना पर काम हो रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी से उद्योगों से सामान प्रदेश से एक्सपोर्ट हो सकेगा। निवेश को लेकर शुरू हुई प्रतिस्पर्धा में कनेक्टिविटी और सिक्योरिटी का अपना महत्व है।
अर्थव्यवस्था को बल देंगे एक्सप्रेस-वे
एक्सप्रेव वे और औद्योगिक गलियारों के निर्माण से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को जहां बल मिलेगा, वहीं लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उत्तर प्रदेश वासियों को उनके घर में ही रोजगार मिलेगा। सरकार ने उद्योगों के लिए बनी नीतियों की समीक्षा करते हुए उसे सरल बनाने का फैसला किया है। इसका लाभ ये होगा कि बाहर से आकर कंपनियां यहां स्थापित होंगे और यहां के निवासियों को रोजगार प्रदान करने का काम करेंगी।
36410 करोड़ रुपये से होगा गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण
594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण 36410 करोड़ रुपये से होगा। यह एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 334) पर बिजौली ग्राम के पास से शुरू होगा और प्रयागराज जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-दो पर जुडापुर दादू गांव के पास मिलेगा। इस एक्सप्रेस वे पर 120kmph की स्पीड से वाहन दौड़ेंगे। गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपद से गुजरेगा। इसके निर्माण से दिल्ली-प्रयागराज की सड़क मार्ग से यात्रा लगभग 6 घंटे में की जा सकेगी, जिसमें अभी 11-12 घंटे लगते हैं। ऐसे में इन जनपदों का चौतरफा विकास होगा।
गंगा एक्सप्रेस वे की लंबाई बढ़ाने की योजना पर काम कर रही सरकार
योगी सरकार गंगा एक्सप्रेस वे की लंबाई बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। गंगा एक्सप्रेस वे को प्रयागराज से बढ़ा कर वाराणसी और मेरठ से बढ़ा कर हरिद्वार तक करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने एक्सप्रेस वे के विस्तार का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। विस्तार के प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद देश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस वे की लंबाई करीब 150 किलोमीटर तक बढ़ने की उम्मीद है। प्रयागराज से वाराणसी तक के विस्तार में गंगा एक्सप्रेस वे के जरिये पूर्वांचल और विंध्य क्षेत्र के कई जिलों में विकास की नई राह खुलना तय है। गंगा एक्सप्रेस वे वाराणसी के साथ मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र और चंदौली को भी जोड़ेगा।
सीएम योगी के लिए बड़ी उपलब्धि चार एक्सप्रेस-वे का निर्माण
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को इस तरह से तैयार किया गया जिस पर किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में उस पर भारतीय वायुसेना के फाइटर प्लेन उतारे जा सकें। गंगा एक्सप्रेस वे पर भी आपातकाल में वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए शाहजहांपुर जिले में एक हवाई पट्टी भी बनाई जानी है। गंगा एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होंगे। चार एक्सप्रेस वे के निर्माण से योगी आदित्यनाथ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी बड़ी लकीर खींच देंगे। मायावती ने अपने कार्यकाल में नोएडा से आगरा जाने वाले यमुना एक्सप्रेस का निर्माण कराया था जबकि अखिलेश यादव के कार्यकाल में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का निर्माण हुआ।