- कथित जासूसी मामले में अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना
- सपा अध्यक्ष ने पूछा कि अगर भाजपा पर लोगों को भरोसा तो फिर जासूसी क्यों?
- पेगासस मामले पर संसद के दोनों सदनों में विपक्षा का हंगामा, कार्यवाही स्थगित
लखनऊ : कथित पेगासस जासूसी मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सपा अध्यक्ष ने सोमवार को पूछा कि लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर यदि भरोसा जताया है तो उसे जासूसी कराने की क्या जरूरत थी? अखिलेश ने कहा कि उनकी पार्टी इस मामले की जांच ससंद की संयुक्त समिति (जेपीसी) से कराने की मांग करती है। इस मामले पर सरकार को पाक-साफ होकर आने की जरूरत है। अखिलेश ने कहा कि उनकी पार्टी जासूसी के खिलाफ है।
पेगासस मामले में पहले भी हमला बोल चुके हैं अखिलेश
गत 20 जुलाई को अपने एक अन्य ट्वीट में सपा अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'फोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम भाजपा करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है। फोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है।'
सरकार पर हमलावर है विपक्ष
कथित पेगासस जासूसी का मामला सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर आक्रामक है। संसद के मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मीडिया में कथित कथित पेगासस जासूसी का मामला आया। द वायर और 16 अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि पेगासस की सूची में करीब 300 ऐसे मोबाइल नंबर हैं जिनकी जासूसी कराई गई होगी। पेगासस स्पाईवेयर का निर्माण इजरायल की कंपनी एनओएस ने किया है। आरोप है कि पेगासस के जरिए सरकार ने राजनेताओं, पत्रकारों सहित 300 लोगों की जासूसी कराई। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। सरकार ने कथित जासूसी मामले में राज्यसभा में जवाब भी दिया है।
पेगासस मामले पर चर्चा के लिए अड़ा विपक्ष
संसद के मानसून सत्र में विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने के लिए अड़ा है। विपक्ष के सदस्यों ने नोटिस देकर चर्चा कराए जाने की मांग की है। कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता चाहते हैं कि इसकी जांच संसद की संयुक्त समिति करे। सोमवार को भी संसद में पेगासस को लेकर हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित हुई। विपक्ष के सदस्य अपने पोस्टरों में 'प्रधानमंत्री जासूसी करना बंद करो' और 'प्रधानमंत्री जवाब दो' पर लिखा हुआ था।