- यूपी में 152 बीजेपी विधायकों को 2 या उससे अधिक बच्चे
- कुछ विधायकों के आठ और बच्चे
- अगर जनसंख्या नीति इन विधायकों पर भी लागू हो तो आधे से अधिक बीजेपी के मौजूदा एमएलए नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
इस सच्चाई से इनकार करना मुश्किल है भारत की सबसे बड़ी समस्याओं में एक जनसंख्या है। जनदबाव की वजह से संसाधनों सीमित होते जा रहे हैं। जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2021 से लेकर 2030 के लिए जनसंख्या नीति का ऐलान किए हैं जिसका मकसद फर्टिलिटी रेट को 1.9 के स्तर पर लाना है। उस नीति में जनसंख्या पर नियंत्रण पाने के लिए निषेधात्मक उपायों के साथ साथ प्रोत्साहन स्कीम की भी बात है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि जो पार्टी जनसंख्या नियंत्रण के बारे में इतनी गंभीर है उसके विधायकों के पास औसतन कितने बेटे या बेटियां हैं। इसके लिए यूपी असेंबली की वेबसाइट बहुत कुछ कहती है।
बीजेपी विधायकों के बच्चे
यूपी विधानसभा में इस समय बीजेपी के कुल 304 विधायक हैं, उसमें से करीब 150 विधायक ऐसे हैं जिन्हें तीन या उससे अधिक बच्चे हैं। 155 विधायकों को दो या उससे अधिक बच्चे हैं। खास बात यह है कि बीजेपी के एक विधायक को आठ बच्चे, एक को सात बच्चे, 8 विधायकों को 6 बच्चे हैं। लेकिन 15 विधायकों के बच्चे नहीं है।
सांसद रवि किशन ने प्राइवेट मेंबर बिल किया था पेश
इसके अलावा गोरखपुर से बीजेपी सांसद रविकिशन की बात करें तो उन्हें चार बच्चे हैं। इनका जिक्र इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि प्राइवेट मेंबर बिल के तौर जनसंख्या नीति को संसद में पेश किया था। हालांकि प्राइवेट मेंबर बिल के पारित होने की संभावना कम होती है। अगर यूपी की जनसंख्या नीति को माननीय विधायकों पर लागू की जाए तो बीजेपी के ज्यादातर विधायक चुनाव के लिए अयोग्य हो जाएंगे।
यूपी सरकार की जनसंख्या नीति का विरोध
अगर योगी आदित्यनाथ सरकार की दो बच्चा नीति को देखें तो इसका विरोध भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। मुरादाबाद से एसपी सांसद एस टी हसन ने कहा कि चीन की क्या दुर्गति हो रही उसे यूपी सरकार नहीं देख रही है। इसके साथ ही उन्होंने प्राकृतिक व्यवस्था में छेड़छाड़ तक की बात कही। इसके साथ ही अलग अलग संगठनों ने जिसमें कुछ हिंदूवादी संगठन भी शामिल हैं विरोध करते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यूपी की जनसंख्या नीति व्यवहारिक नहीं है। सरकार को निषेधात्मक उपायों की जगह सकारात्मक उपायों पर ध्यान देना चाहिए।