- केसीसी के तहत किसानों को रियायती दर पर ऋण दिया जाता है
- योगी सरकार अब तक पौने दो लाख करोड़ किसानों को दे चुकी है KCC
- योगी सरकार के कार्यकाल में अब तक 122,251 करोड़ रुपए से अधिक का हो चुका है भुगतान
लखनऊ: नकदी कृषि क्षेत्र का सबसे बड़ा संकट है। साथ ही जरूरत भी। फसलों की बुआई में समय की सबसे बड़ी अहमियत होती है। समय से बुआई न होने का सीधा असर संबंधित फसल के उत्पादन पर पड़ता है। कालांतर में इससे किसानों की आय प्रभावित होती है। हर फसली सीजन के पहले किसानों को सिंचाई, खेत की तैयारी, खाद-बीज के लिए नकदी की जरूरत होती है। फिलहाल इसका सबसे प्रभावी समाधान केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) है। केसीसी के तहत किसानों को रियायती दर पर ऋण दिया जाता है।
दो करोड़ किसान होंगे लाभान्वित
उत्तर प्रदेश सरकार अभियान चलाकर 2 करोड़ किसानों को केसीसी से आच्छादित करेगी। इससे कृषि क्षेत्र में करीब दो लाख करोड़ रुपए की लिक्विडिटी (तरलता) आएगी। इससे कृषि निवेश का संकट काफी हद तक दूर हो जाएगा। फिलहाल योगी सरकार अब तक पौने दो लाख करोड़ किसानों को केसीसी से आच्छादित कर चुकी है। 2 करोड़ के आच्छादन का लक्ष्य इससे अतिरिक्त होगा। इसके लिए कृषि और संबधित विभाग बैंकों से मिलकर अभियान चलाएंगे।
ऐसे होगा लाभ
अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश में करीब 1 करोड़ 63 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड मिल चुका है। 2 करोड़ 40 लाख किसान हमारे यहां पंजीकृत हैं। हमने करीब 65-70 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। छोटी जोत वाले किसान क्रेडिट लिमिट के कारण ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे है। इसके अलावा प्रवासी लोग हैं जो बाहर रहते है। छोटी जोत और प्रवासी लोग इच्छुक नहीं हैं।
ज्ञात हो कि फसली सीजन में किसानों को खेतीबाड़ी की तैयारी में पूंजी समस्या न बने इसके लिए सरकार ने और भी कई कदम उठाए हैं। स्वामीनाथ कमेटी के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संबधित फसल की लागत से जोड़ना। एमएसपी में शामिल फसलों का विस्तार। खरीद की पारदर्शी प्रक्रिया और 72 घंटे में किसानों के खाते में भुगतान। इसके तहत सरकार एमएसपी पर अब तक 64,000 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है।
सम्मान निधि का मिल रहा है फायदा
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अब तक सूबे के करीब 2.42 करोड़ किसानों को 2,7101 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। इस योजना के सर्वाधिक लाभार्थी उत्तरप्रदेश के ही किसान हैं। योजना के तहत पात्र किसानों को दो-दो हजार रुपए की बराबर किस्तों में एक साल में 6000 रुपए दिए जाते हैं। किसानों को वित्तीय संकट से राहत दिलाने के लिए ही योगी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट में ही 86 लाख लघु-सीमांत किसानों का 36000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया। तबसे किसानों को राहत देने का सिलसिला जारी है। योगी सरकार के कार्यकाल में अब तक 122,251 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।