- फडनवीस के रिश्तेदार तन्मय की टीका लगवाते हुए तस्वीर आई सामने
- देखने में तन्मय की उम्र 20 से 30 साल के बीच, विपक्ष ने उठाए सवाल
- देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि यदि वह पात्र नहीं तो यह पूरी तरह अनुचित है
मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता देवेंद्र फडनवीस के एक रिश्तेदार द्वारा कोरोना का टीका लगवाए जाने की तस्वीर सामने आने पर विवाद खड़ा हो गया। सोशल मीडिया में तन्मय फडनवीस की टीका लगवाते हुए तस्वीर सामने आने पर फडनवीस ने मंगलवार को सफाई दी। फडनवीस ने कहा कि 'यदि वह टीका लगवाने के पात्र हैं तो इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यदि वह नहीं हैं तो यह पूरी तरह से अनुचित है।' दरअसल, तन्मय युवा हैं और उनकी उम्र 20 से 30 साल के बीच मालूम पड़ती है। विपक्ष सहित कई लोगों ने तन्मय के टीके लगवाए जाने पर सवाल खड़े किए।
फडनवीस के दूर के रिश्तेदार हैं तन्मय
बताया जाता है कि तन्मय ने नागपुर के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में कोविड-19 का टीका लगवाया। टीका लगवाने के बाद उन्होंने अपनी तस्वीर सोशल मीडिया में शेयर की। हालांकि, बाद में उन्होंने यह तस्वीर हटा ली। रेमडेसिविर के वितरण में महाराष्ट्र सरकार पर 'भेदभाव' का आरोप लगाने वाले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले से तत्काल दूरी बना ली। पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'टीकाकरण के लिए यदि वह पात्र हैं तो इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यदि वह नहीं हैं तो यह पूरी तरह से अनुचित है।' तन्मय वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री शोभाताई फडणवीस के पौत्र हैं। शोभाताई देवेंद्र फडणवीस की रिश्तेदार हैं।
मेरी पत्नी को अब तक नहीं लगा टीका-फडनवीस
बयान के मुताबिक, 'यहां तक कि मेरी पत्नी और बेटी को अभी कोरोना का टीका नहीं लगा है। सभी को नियमों का पालन करना चाहिए।' फडनवीस की उम्र 50 साल और उनकी पत्नी अमृता फडनवीस की उम्र 45 साल है। फडनवीस की पत्नी ने भी अपने एक ट्वीट में कहा, 'कोई भी नियम और कानून से बड़ा है। कानून को अपना काम करना चाहिए और हम हमेशा न्याय के लिए खड़े होते हैं। इस मामले में हम आपके साथ हैं। कृपया कार्रवाई करें ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।'
महाराष्ट्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया
फडणवीस ने मंगलवार को नागपुर में संवाददाताओं से बातचीत में महाराष्ट्र में रेमडेसिविर के आवंटन में पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि बुरी तरह प्रभावित जिलों को इस दवा का पर्याप्त स्टॉक नहीं मिल रहा है। उन्होंने जरूरत के हिसाब से रेमडेसिविर के वितरण की बंबई उच्च न्यायालय की व्यवस्था का स्वागत किया। उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि नागपुर जिले को रेमडेसिविर इंजेक्शन की तत्काल 10,000 शीशियां भेजी जाएं।