- बिहार में शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने शपथ लेने के 3 दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया
- मेवालाल चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप है, जिसे लेकर विपक्ष उनके खिलाफ हमलावर था
- चौधरी ने हालांकि खुद पर लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए विपक्ष के दावों को खारिज किया है
पटना : : बिहार में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर विपक्ष के हमलों का सामना कर रहे शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। तीन दिन पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बनी एनडीए सरकार शपथ ली थी। विपक्ष तभी से उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को शिक्षा मंत्री चौधरी से मुलाकात की थी, जिसके बाद ही ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें कैबिनेट से हटाया जा सकता है।
इससे पहले मेवालाल चौधरी ने विपक्ष की ओर से उन पर लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा था कि आरोप तभी साबित होता है जब चार्जशीट दायर की जाती है या अदालत आदेश देती है और उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए दोनों में से कुछ भी नहीं है।
क्या हैं आरोप?
बिहार में एनडीए सरकार के गठन के बाद से ही विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस मेवालाल चौधरी को लेकर हमलावर तेवर अपनाए हुए थे। जेडीयू नेता पर साल 2017 में भागलपुर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप हैं। आरोप है कि वीसी रहते हुए उन्होंने नियमों की अनदेखी कर गलत तरीके से 161 सहायक प्रोफेसरों एवं जूनियर साइंटिस्ट की भर्तियां कीं। इसके अतिरिक्त उन पर सबौर कृषि विवि परिसर में एक इमारत के निर्माण में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
मेवालाल के खिलाफ साल 2017 में जांच शुरू गई थी, जिसमें उन पर लगे आरोपों को सही पाया गया था। हालांकि चौधरी अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते आए हैं। गुरुवार को इस्तीफा देने से पहले भी उन्होंने खुद पर लगे आरोपों पर सफाई दी।