- पहले चरण में विधानसभा की 71 सीटों पर होना है मतदान
- भाजपा, राजद और जदयू के दिग्गज उम्मीदवार मैदान में
- बाहुबली अनंत सिंह मोकामा सीट से चुनाव मैदान में हैं
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होना है। चुनाव प्रचार को धार देने में जुटे सभी राजनीतिक दल पहले चरण के चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपनी पकड़ कायम करते हुए बढ़त बना लेना चाहते हैं। पहले चरण के तहत विधानसभा की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इन सीटों पर महागठबंधन और एनडीए के नामी-गिरानी और दिग्गज चेहरे चुनाव मैदान में है। इन हॉट सीटों पर सबकी नजरें लगी हैं।
भाजपा, जद-यू, राजद और लोजपा के दिग्गज उम्मीदवार अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जातिगत समीकरण से लेकर चुनाव जीतने के सभी फॉर्मूलों को आजमा रहे हैं। अपनी जीत का दावा करने वाले इन उम्मीदवारों की राजनीति किस्मत का फैसला जनता 28 अक्टूबर को करेगी। यहां एक नजर डालते हैं प्रथम चरण के दिग्गज उम्मीदवारों पर-
गया सीट पर भाजपा के डॉ. प्रेम कुुमार
गया सीट पर इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प है। इस सीट पर भाजपा ने डॉ. प्रेम कुमार को मैदान में उतारा है। कुमार लगातार छह चुनाव जीत चुके हैं। वह नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं। इस सीट पर इनका मुकाबला मोहन श्रीवास्तव से हैं। मोहन डिप्टी मेयर हैं।दिनारा सीट से जयकुमार सिंह उम्मीदवार हैं। सिंह नीतीश सरकार में मंत्री हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला भाजपा से बगावत कर आए राजेंद्र सिंह से है। राजेंद्र सिंह लोजपा के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद मुकेश को टिकट दिया है।
मोकामा सीट पर अनंत सिंह
मोकामा सीट पर बाहुबली अनंत सिंह राजद से उम्मीदवार हैं। इस सीट पर सिंह चुनाव जीतते आए हैं। इस सीट पर उनके भाई भी विधायक रह चुके हैं। लखीसराय सीट पर भाजपा के विजय कुमार सिन्हा की प्रतीष्ठा भी दाव पर है। सिन्हा नीतीश सरकार में मंत्री हैं। इनके अलावा औरंगाबाद सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता रामाधार सिंह चुनाव मैदान में हैं। रफीगंज सीट पर जदयू ने अशोक सिंह को टिकट दिया है। अशोक पर भी सभी की नजरें लगी हैं। इन सभी सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की बात कही जा रही है।
पहले चरण में 1090 उम्मीदवार
ईसी ने कहा कि प्रथम चरण में 71 सीटों के लिये 1354 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरा था और जांच के बाद इनमें से 1090 उम्मीदवारों के नामांकन सही पाये गए हैं। 264 उम्मीदवारों के नामांकन गलत पाये गए हैं। टिकट बंटवारे में सभी पार्टियां जातिगत समीकरण पर पूरा ध्यान दे रही हैं। जदयू ने 19 सीटें अति पिछड़ा वर्ग को दिया है। यादव समुदाय से 18 और 11 मुस्लिमों को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि 12 कुर्मी और 15 कुशवाहा समुदाय से टिकट दिया गया है। जद-ूय से अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को 17 सीटें, 7 राजपूत और 10 भूमिहार उम्मीदवारों को टिकट मिला है।
एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला
बिहार विधानसभा में इस बार मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है। हालांकि लोजपा के अलग चुनाव लड़ने के फैसले से जद-यू की राह थोड़ी मुश्किल हो गई है। लोजपा जद-यू के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है। जद-यू 115 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, 7 सीटों उसने हम को दी हैं। भाजपा 110 सीटों पर लड़ रही है उसने 11 सीटें वीआईपी को दी हैं। वहीं, महागठबंधन की तरफ से राजद 144 सीटों, कांग्रेस 70 और वाम दल 29 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
तीसरा मोर्चा भी मैदान में
इस चुनाव में तीसरा मोर्चा भी अपनी ताकत का अहसास करा रहा है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने छह दलों के नए मोर्चे की घोषणा की है। इस मोर्चे से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा बनाए गए हैं।