- महज 22 साल की उम्र में शहीद हुए जयकिशोर, पिता बोले- दो और बेटों को भेजूंगा देश सेवा के लिए
- 2018 में सेना में भर्ती हुए थे जयकिशोर, 2019 में मिली थी पहली पोस्टिंग
- पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा- बेटे की शहादत पर है गर्व
वैशाली: भारत और चीन के बीच के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में एक कमांडिंग ऑफिसर सहित सेना के 20 जवान शहीद हो गए। शहीद हुए जवानों में पांच जवान बिहार के हैं। शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को भरोसा देते हुए कहा कि भारत देश की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा। चीन की इस नापाक हरकत पर पूरा देश गुस्से में है। शहीद जवानों में बिहार के जो पांच जवान शहीद हुए हैं उनमें से एक हैं वैशाली जिले के रहने वाले जयकिशोर जिनकी उम्र महज 22 साल थी।
2 साल पहले भर्ती हुए थे जयकिशोर
बिहार रेजिमेंट की 12 वीं बटालियन के जवान जयकिशोर सिंह के शहीद होने की खबर जैसी ग्रामीणों को मिली तो सभी लोग उनके घर जाकर परिजनों को सांत्वना देने लगे। जयकिशोर को सेना में भर्ती हुए केवल 2 साल हो रखे थे। 2018 में चयन होने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग चीन सीमा पर पूर्वी लद्दाख में हुई थी। एक किसान के बेटे जयकिशोर के बड़े भाई नंदकिशोर भी सेना में हैं और सिक्किम में तैनात है। इस बीच बेटे के शहीद होने की खबर सुनते ही पिता दुखी भी हैं लेकिन गर्व से कहते हैं कि दो बेटे और हैं उन्हें भी फौज में भेजेंगे।
दो और बेटों को भेजूंगा
मीडिया से बात करते हुए नंदकिशोर के पिता राजकपूर सिंह कहते हैं, 'आखिरी बार एक महीने पहले बात हुई थी। तब उसने कहा था कि अब बात नहीं होगी क्योंकि हम जा रहे हैं वहां जहां टावर नहीं होंगे। हम दोनों बेटों को भी भेंजेगे, दोनों तैयार हैं डिफेंस में जाने के लिए और देश की सेवा के लिए। वो रूकेंगे थोड़ा ना। कदम आगे रहते हैं, पीछे नहीं। बेटा ने जन्म लिया है तो भय किस चीज का है। आप चले हैं लड़ाई में तो पीछे थोड़ा ना हटेंगे?'
पोतों को भेजूंगा
इससे पहले बिहार के सहरसा के शहीद जवान कुंदन यादव नाम की पत्नी ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा, 'आखिरी बार 9 तारीख को उनसे बात हुई थी। उनकी मौत का बदला चाहिए।' वहीं शहीद के पिता ने कहा, 'मेरे बेटे ने राष्ट्र के लिए अपना बलिदान दिया है। मेरे दो पोते हैं, मैं उन्हें भी भेजूंगा।'