- शहीदों के परिवारों पर दुखों पर पहाड़ टूट पड़ा है
- शहीद हुए भारतीय सैनिकों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे: PM मोदी
- देश उन बहादुर जवानों की शहादत को कभी नहीं भूलेगा: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए। इनमें से 5 जवान बिहार के थे, जिसमें से 4 सिपाही और एक हवलदार थे। सिपाही कुंदन कुमार, सिपाही अमन कुमार, सिपाही चंदन कुमार, सिपाही जयकिशोर सिंह और हवलदार सुनील कुमार इस झड़प में शहीद हुए। कुंदन कुमार सहरसा, अमन कुमार समस्तीपुर, चंदन कुमार भोजपुर, जयकिशोर सिंह वैशाली और सुनील कुमार पटना से थे।
सुनील कुमार के गांव वालों ने कहा, 'हम गांव वाले चाहते हैं कि उनकी एक मूर्ति गांव में लगे जिसे देखकर आने वाली पीढ़ी देश सेवा के लिए प्ररित हो।' वहीं कुंदन की पत्नी ने कहा कि आखिरी बार 9 तारीख को उनसे बात हुई थी। उनकी मौत का बदला चाहिए। इसके अलावा कुंदन के पिता ने कहा, 'मेरे दोनों पोते भी सेना में भर्ती होकर देश सेवा करेंगे।'
जुलाई में घर आते अमन
अमन कुमार के परिवार में उनकी पीछे पत्नी मीनू देवी, पिता सुधीर कुमार सिंह, मां रेणु देवी, दो भाई और एक बहन है। परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि अमन 2014 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और उन्हें 16 बिहार रेजिमेंट में शामिल किया गया था। उन्होंने फरवरी 2019 में शादी की और इस साल फरवरी में लेह-लद्दाख क्षेत्र में तैनात थे। अमन लेह-लद्दाख में अपनी नई पोस्टिंग लेने से पहले आठ दिनों के लिए घर आए थे। अमन ने जुलाई में घर आने की बात की थी।
पंजाब से 4 जवान शहीद
बिहार के 5 जवानों के अलावा शहीदों की सूची में 4 पंजाब से भी है। पश्चिम बंगाल-ओडिशा से 2-2 हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु से 1-1 जवान शहीद हुए हैं।
जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा: PM मोदी
शहीदों के बलिदान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है। देश को इस बात पर गर्व होगा कि हमारे दिवंगत शहीद मारते-मारते मरे हैं।