- नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं
- बीजेपी ने इस बार सुशील मोदी को नहीं मनाया उपमुख्यमंत्री
- बीजेपी की तरफ से 2 उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं
नई दिल्ली: नीतीश कुमार ने सोमवार को 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ भाजपा के सात, जेडीयू के पांच और हम पार्टी तथा वीआईपी पार्टी से एक-एक मंत्रियों ने शपथ ली। भाजपा विधानमंडल दल के नेता और कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद और उपनेता एवं बेतिया से विधायक रेणु देवी ने भी शपथ ली। दोनों को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। आज नीतीश कुमार के कैबिनेट की पहली बैठक होनी है।
ऐसे में सवाल है क्या नई सरकार की पहली कैबिनेट में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है क्या? नीतीश कुमार का मंत्रीमंडल इस बार थोड़ा अलग है। लंबे समय से उनके साथ रहे सुशील मोदी इस कैबिनेट में नहीं हैं। वहीं इस बार मंत्रिमंडल में 2-2 उपमुख्यमंत्री होंगे। नीतीश कुमार ने दो दशक में सातवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की है।
पार्टी के फैसले से नाराज मोदी!
सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के पार्टी नेतृत्व के फैसले से थोड़े निराश भी दिखे। उन्होंने रविवार को अपने ट्वीट में कहा था, 'भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया कि शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा। आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा। कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।'
नीतीश रहे CM, मोदी रहे डिप्टी
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री के रूप में सुशील कुमार मोदी की जोड़ी काफी चर्चित रही। मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह के बाद सुशील मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर नीतीश कुमार को बधाई दी। साल 2005 में बिहार चुनाव में राजग को बहुमत मिला, तब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद पिछली सरकार तक जब भी जदयू एवं भाजपा गठबंधन की सरकार बनी तो सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई।