- बिहार में चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कृषि कानूनों की मुखालफत की
- राहुल गांधी ने मोदी सरकार से पूछा कि क्या किसान एरोप्लेन में अपनी फसल बेचेंगे
- प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरा
पटना। बिहार विधानसभा के लिए दो चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है। अब तीसरे चरण का चुनाव सात नवंबर को होना है। इस चरण के लिए अब राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। बयानों के तीर एक दूसरे पर चलाए जा रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और उसके साथ नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया।
क्या एरोप्लेन में फसल बेचेंगे किसान
चुनावी सभा में राहुल गांधी ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार कृषि कानूनों के समर्थन में कसीदे पढ़ रही है, नरेंद्र मोदी कहते हैं कि किसान अब अपने फसल को कहीं भी बेच सकते हैं। लेकिन वो सवाल पूछना चाहते हैं कि क्या फसलों को एरोप्लेन में बेचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को बेवकूफ बना रही है। सिर्फ जुबान के जरिए लोगों को राहत पहुंचाने के दावे किए जाते हैं। कोरोना काल में जब लॉकडाउन किया गया तो उस समय क्या हुआ।
प्रवासी मजदूरों के साथ नीतीश सरकार ने किया धोखा
देश के अलग अलग राज्यों से जब प्रवासी मजदूर बिहार आ रहे थे तो अपने लोगों को ही राज्य में एंट्री देने से नीतीश सरकार ने मना कर दिया। लेकिन जब विपक्षी दलों का दबाव पड़ा तो सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। नीतीश कुमार सरकार एक तरफ दावे करती है कि उसने क्वारंटीन सेंटर में हर एक शख्स पर 5400 रुपए खर्च किए थे। लेकिन हकीकत यह है कि वो रकम जरूरतमंदों तक पहुंची ही नहीं।