- बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद आशीर्वाद यात्रा पर निकले हैं चिराग पासवान
- अपनी पिता की विरासत पर दावे को लेकर चाचा पशुपति पारस के साथ जारी है टकराव
- तेजस्वी यादव से मुलाकात कर बिहार की राजनीति में संदेश देना चाहते हैं एलजेपी सांसद
नई दिल्ली : राजनीति संभावनाओं की खेल होती है और कोई भी यहां स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता। बिहार की राजनीति में यह कहावत एक बार फिर दिख सकती है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के सांसद चिराग पासवान बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव से मिलने वाले हैं। सूत्रों का कहना है कि वह अपने दिवंगत पिता राम विलास पासवान की पहली पुण्यतिथि समारोह में शामिल होने के लिए उन्हें न्योता देंगे। यह कार्यक्रम 12 सितंबर को होना है।
बिहार नतीजों के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात
रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने कहा, 'बिहार चुनाव नतीजों के बाद पहली बार चिराग पासवान और तेजस्वी यादव बुधवार को मिलने जा रहे हैं। चिराग अपने पिता की पहले पुण्यतिथि कार्यक्रम के लिए राजद नेता को आमंत्रित करने जा रहे हैं।' सूत्रों का कहना है कि यह पुण्यतिथि कार्यक्रम विशेष राजनीतिक महत्व रखने जा रही है क्योंकि अपनी पिता की विरासत पर दावे को लेकर चिराग की अपने चाचा पशुपति पारस के साथ विवाद चल रहा है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का निधन पिछले साल 8 अक्टूबर को हुआ।
एनडीए में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं चिराग
चिराग पासवान इस समय खुद को एनडीए में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उनके चाचा पशुपति पारस को केंद्र में मंत्री बनाया गया है। बिहार में 'आशीर्वाद यात्रा' के जरिए चिराग अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करना चाहते हैं। तेजस्वी यादव और चिराग की मुलाकात के सियासी मायने हैं। लोजपा नेता इस कार्यक्रम के जरिए एक राजनीतिक संकेत देना चाहते हैं। तेजस्वी यादव पहले भी चिराग को अपने साथ आने का न्योता दे चुके हैं। लालू यादव का भी कहना है कि दोनों युवा नेताओं को एक साथ आना चाहिए। चिराग भी तेजस्वी को कई मौकों पर अपना छोटा भाई बता चुके हैं।