- पारस पासवान लोजपा के टूटे हुए धड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
- चिराग पासवास भी पुरानी लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
- चिराग का कहना है कि चाचा पार्टी संविधान का उल्लंघन किया है।
पटना : लोजपा नेता चिराग पासवास बिहार के लोगों का आशीष पाने के लक्ष्य से अगले सप्ताह से हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा निकालने की योजना बना रहे हैं, जिसे लेकर शुक्रवार को उनके बागी चाचा पशुपति कुमार पारस ने अप्रसन्नता जताई। गौरतलब है कि हाजीपुर लोकसभा सीट कभी लोजपा के संस्थापक और चिराग के पिता दिवंगत रामविलास पासवान की गढ़ हुआ करती थी और फिलहाल पारस वहां से सांसद हैं, जबकि चिराग जमुई सीट से सांसद हैं।
हाल में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में राजनीतिक तख्ता पलट कर अपने भतीजे को हाशिए पर भेजने वाले पारस ने कहा कि चिराग को अपने लोकसभा क्षेत्र जमुई में पार्टी संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देनी चाहिए।
पिता की मृत्यु के बाद लोजपा के अध्यक्ष बने चिराग की योजना सोमवार को हाजीपुर से ‘आशीर्वाद यात्रा’ निकालने की है। हाजीपुर से फिलहाल पारस सासंद हैं और पहले दिवंगत रामविलास पासवान इस सीट से लोकसभा सदस्य हुआ करते थे।
पारस ने कहा कि यह सही नहीं है। चिराग को अपने पिता को उनकी जन्मतिथि पर श्रद्धांजलि देनी चाहिए और जमुई में कार्यक्रम करने चाहिए, क्योंकि वही उनकी कर्मभूमि है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी अपने दिवंगत संस्थापक को पांच जुलाई को राज्य पार्टी मुख्यलय पर, मेरे दिवंगत भाई को उनकी मृत्यु के बाद पहली जन्मतिथि पर श्रद्धांजलि देगी।
पारस ने हाल में चिराग को हटाकर लोजपा के संसदीय दल के नेता का पद प्राप्त किया है और पार्टी के अन्य मौजूदा सांसद भी उनका समर्थन कर रहे हैं। उसके बाद पारस लोजपा के इस टूटे हुए धड़े के ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष’ भी चुने गए हैं। चिराग ने भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष याचिका देकर आरोप लगाया है कि पारस ने अपने कार्यों से पार्टी के संविधान का उल्लंघन किया है।