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Bihar Assembly Elections 2020: एलजेपी के किनारा करने पर जेडीयू का पलटवार, आखिर वैचारिक मतभेद क्या है

Updated Oct 04, 2020 | 23:31 IST

वैचारिक मतभेद का हवाला देते हुए एलजेपी ने जेडीयू से किनारा कर लिया है। लेकिन अब जेडीयू नेता पूछ रहे हैं कि आखिर वो वैचारिक मतभेद क्या है।

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एलजेपी के नाता तोड़ने के फैसले पर जेडीयू ने कसा तंज
मुख्य बातें
  • वैचारिक मतभेद का हवाला देते हुए एलजेपी ने जेडीयू से किनारा कसा
  • जेडीयू का सवाल एलजेपी आखिर बताए वो वैचारिक मतभेद क्या है
  • 2019 में एलजेपी ने संसदीय सीटों पर जीत हासिल करने के लिए नीतीश कुमार से प्रचार करने की अपील की थी

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों के संबंध में खटास कुछ इस हद तक बढ़ी कि एलजेपी ने साफ कर दिया कि वो जेडीयू के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी। लेकिन बीजेपी के लिए बयान आया कि जिस तरह से मोदी सरकार विकास के रास्ते पर चल रही है ठीक वैसे ही नतीजों के बाद बीजेपी के साथ सरकार बनाएंगे। एलजेपी ने जेडीयू से किनारा करते हुए वैचारिक मतभेज का हवाला दिया। लेकिन जेडीयू नेता पूछ रहे हैं कि चिराग पासवान उस मतभेद के बारे में भी तो बताएं। 

जेडीयू ने एलजेपी से पूछा सवाल
जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने कहा कि एलजेपी को यह बताना चाहिए कि विचारों में एका किस बिंदू पर नहीं है। लोकसभा चुनाव के दौरान वो हमारे साथ थे और चुनाव जीतने के लिए सीएम नीतीश कुमार से अपने अपने इलाकों में आने का आग्रह किया था। लेकिन अब बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एलजेपी को वैचारिक मतभेद नजर आ रहा है। अशोक चौधरी ने कहा कि सीटों के मुद्दे पर अगर चिराग पासवान ने फैसला किया है तो उस पर वो कुछ नहीं कहना चाहेंगे।


करीब 1 घंटे की बैठक के बाद एलजेपी ने तय किया अलग रास्ता
एलजेपी के नेताओं की रविवार को दोपहर में बैठक हुई उसमें जो फैसला लिया गया उससे साफ है कि चिराग पासवान पूरी तरह से अपने रास्ते को खोलकर रखे हैं। मसलन उन्होंने जेडीयू पर निशाना साधा। लेकिन नरेंद्र मोदी का उदाहरण पेश कर कहा कि विकास के रास्ते पर बीजेपी और वो आगे बढ़ते रहेंगे। एलजेपी के फैसले से साफ है कि वो जेडीयू के साथ अब दो दो हाथ के लिए तैयार है। बताया जा रहा है कि जेडीयू और बीजेपी के बीच सीटों की संख्या पर करीब करीब सहमति बन चुकी है। यह बात अलग है कि अभी औपचारिक ऐलान का इंतजार है।

क्या कहते हैं जानकार
जेडीयू से नाता तोड़ने के बाद चिराग पासवान विक्ट्री साइन बनाते हुए बाहर निकले और कहा कि इस पल का आनंद लेने दे। लेकिन जानकारों का क्या कहना है कि उसे जानना भी जरूरी है। बिहार की राजनीति को समझने वाले बताते हैं कि चिराग की समस्या नीतीश कुमार भी नहीं हैं, दरअसल जब जीतन राम मांझी के एनडीए में आने की चर्चा तेज हुई तो एलजेपी को महसूस हुआ कि अब उसके प्रभाव में कमी आएगी और चिराग पासवान समय समय पर नीतीश कुमार के खिलाफ आग उगलते रहे। 

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