- रांची से बिहार तक लोगों के खाते से उड़ा रहे थे रुपए
- पुलिस ने प्रशांत कुमार और उसके साले संतोष कुमार को किया गिरफ्तार
- खेमनीचक के आदर्शनगर रोड स्थित एक अपार्टमेंट में हुई छापेमारी
Patna News : पटना पुलिस ने बिहार के अलग-अलग जिलों से लेकर रांची तक साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पत्रकार नगर पुलिस ने जलेश्वर मंदिर के पास से प्रशांत कुमार एवं उसके साले संतोष कुमार को गिरफ्तार किया है। यह दोनों रांची के साइबर सरगना मनीष कुमार के लिए काम करते हैं। पुलिस ने खेमनीचक के आदर्शनगर रोड स्थित एक अपार्टमेंट में छापेमारी की।
छापेमारी में पुलिस को 20 रुपए, कई बैंकों के डेबिट कार्ड, एक लाख से ज्यादा रुपए के मोबाइल, एक बाइक, एक बैग मिला है। प्रशांत खुद को मेडिकल आइटम का होलसेल कारोबारी बताता है। संतोष उसके कारोबार में सहयोग करता है।
गिरोह में पटना से रांची तक जुड़े हैं 20 लोग
इस गिरोह में पटना से रांची तक 20 लोग जुड़े हुए हैं। गिरोह का सरगना मनीष रांची का रहने वाला है। रांची से वह इस पूरे गिरोह को चलाता है। वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। प्रशांत जहानाबाद जिले के हुलासगंज के सूरजपुर गांव का रहने वाला है। जबकि संतोष नालंदा जिले के मानपुर का रहने वाला है। मनीष के कहने पर ही ठगी की रकम निकालने के लिए यह दोनों एटीएम जा रहे थे। थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती का कहना है कि, दोनों के पास से बरामद एटीएम कार्ड और बैंकों खाते की जांच की जाएगी।
रियलिटी शो में शामिल कराने का देते हैं प्रलोभन
यह गिरोह एटीएम से छेड़छाड़ कर पैसे उड़ाने के अलावा रियलिटी शो में शामिल कराने, इनाम पाने, केवाईसी कराने, लकी विजेता बनने, नौकरी और लोन दिलाने के नाम पर ठगी करते हैं। लोगों को व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर उनके संपर्क में आते हैं और फिर उनसे ओटीपी पूछकर खाते से रुपए निकाल लेते हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि यह गिरोह हर महीने में अलग-अलग खातों से करीब 2 करोड़ रुपए निकाल रहे हैं।
रांची से ठगी और दूसरे शहर में निकाली जाती है रकम
ठगी का काम रांची से किया जाता है। फिर उस रकम को पटना या दूसरे शहरों में एटीएम से निकाला जाता है। रकम निकालकर मनीष के खाते में पैसे डाले जाते हैं। यह काम करने वाले 10 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। पुलिस का कहना है कि प्रशांत और संतोष के मोबाइल से 15 दिनों में 20 लाख रुपए का लेन-देन हुआ है। मनीष और उसके गिरोह ने फर्जी नाम एवं पते पर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवा रखे हैं। इन खातों का एटीएम कार्ड पटना एवं दूसरे शहरों में रहने वाले गिरोह के शातिर सदस्यों के पास होता है।