पटना : उत्तर बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलेंकम होने का नाम नहीं ले रही है। उत्तरी बिहार में अब तक 3 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित थे लेकिन 24 घंटों के भीतर सोमवार को बाढ़ प्रभावितों का आंकड़ा 3 लाख से बढ़कर 56.5 लाख पहुंच गया। कुल 14 जिलों में इतने लाख लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं।
बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बालन, खिरोई और अधवारा नदियों का समूह लगातार खतरे के निशान से उपर बह रही हैं। इनमें राहत की खबर ये है कि खिरो और बागमती नदियों को छोड़कर बाकी नदियों में पानी का स्तर सोमवार शाम से घटता हुआ पाया गया है।
जल स्रोत विभाग के द्वारा जारी किया जाने वाले डेली फ्लड बुलेटिन के मुताबिक सोमवार शाम को सीतामढ़ी जिले में बागमती नदी में जल का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया था। इसके अलावा बाकी जिलों में इस नदी का जल स्तर भी बढ़ा हुआ पाया गया था।
इसके अलावा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और खगड़िया जिले में बूढ़ी गंडक नदी का भी यही हाल था। इन तीनों जिलों में बूढ़ी गंडक नदी का जल स्तर खतरे के निशान से उपर बह रहा था। मधुबनी जिले में कमला बालन नदी में भी जल स्तर खतरे के निशान से उपर बह रहा था।
अधवारा नदी समूह के खिरोई नदी में भी जल स्तर बढ़ा हुआ देखा गया जिससे सोमवार को दरभंगा जिले में बाढ़ की स्थिति बनी रही। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 घंटों तक बिहार में हल्की बारिश के अनुमान जताए गए हैं।
पटना मौसम विभाग के एक अधिकारी दिनेश कुमार भारती ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए बताया कि पिछले 24 घंटे में मौसम की स्थिति बिहार में सामान्य रही। राज्य के कई इलाकों में हल्की बारिश हुई।
जहां तक राहत कार्यों की बात है तो 56.5 लाख प्रभावितों में से 4.2 लाख प्रभावितों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। इनमें से 17,554 लोग राहत कैंपों में रह रहे हैं जबकि 9.4 लाख लोगों को 1,358 कम्युनिटी किचन के द्वारा खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 31 टीमें बिहार में चल रहे बाढ़ राहत कार्यों में शामिल हैं।