- बागी नेता प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर नीतीश कुमार की जेडीयू ने की बड़ी कार्रवाई
- दोनों ही नेताओं को पार्टी से अनुशासनहीनता के चलते पार्टी से बाहर निकाला
- जेडीयू ने कहा- पार्टी का अनुशासन , पार्टी का निर्णय और पार्टी नेतृत्व के प्रति वफादारी ही दल का मूल मंत्र होता है
पटना: पार्टी के खिलाफ लगातार बयानबाजी करने वाले प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को जेडीयू ने पार्टी से बाहर कर दिया है। दोनों के खिलाफ अनुशासनहीनता का आरोप है। दोनों नेता लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे जिसे लेकर पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार ने नाराजगी भी जताई थी। पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि पार्टी का अनुशासन , पार्टी का निर्णय और पार्टी नेतृत्व के प्रति वफादारी ही दल का मूल मंत्र होता है।
जेडीयू द्वारा जारी बयान में कहा गया है, 'दोनों नेताओं के आचरण से स्पष्ट से है कि वे दल के अनुशासन के बंधन में नहीं रहना चाहते हैं और मुक्त होना चाहते। पार्टी संविधान के नियम की धारा 21 के अनुशासन संबंधी नियमों के अनुसार प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को तत्काल प्रभाव से प्राथमिक सदस्यता समेत अन्य सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करती है।'
पार्टी से निकालने जाने पर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'धन्यवाद नीतीश कुमार जी। बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी को बनाए रखने के लिए आपको मेरी शुभकामनाएं। भगवान आपका भला करे।'
पवन वर्मा ने कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दिल्ली में बीजेपी के साथ गठबंधन का विरोध किया था और नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे। पवन वर्मा और प्रशातं किशोर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। बुधवार को ही पार्टी नेता अजय आलोक ने प्रशांत किशोर की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए उन्हें 'कोरोना वायरस' कहा था।
दरअसल पवन वर्मा और प्रशांत किशोर लगातार पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर बोल रहे थे। बुधवार को ही नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को लेकर कहा था कि जिसको पार्टी से जाना है वो चला जाए। नीतीश कुमार ने दावा किया था कि अमित शाह के कहने पर प्रशांत किशोर को जेडीयू में शामिल किया था जिस पर प्रशांत ने पलटवार करते हुए कहा था कि वो झूठ बोल रहे हैं। पीके ने कहा था नीतीश कुमार ने एक नाकाम कोशिश की है मेरा रंगा आपके जैसा नहीं है।