- बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनर सियासी पारा उफान पर है
- कोरोना संकट के बीच बीजेपी ने वर्चुअल रैली का आयोजन किया है
- बीजेपी के कदम के खिलाफ आरजेडी ने थाली पीटकर विरोध जताया
पटना : बिहार में इस साल के आखिर तक होने वाले सियासत तेज हो गई है। अमित शाह की वर्चुअल रैली के खिलाफ राज्य में विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने व्यापक प्रदर्शन किए हैं, जिसकी कमान राजधानी पटना में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप ने संभाली। इन लोगों ने थाली पीटकर अपना विरोध जताया। उनका कहना है कि कोरोना संकट/लॉकडाउन के कारण एक तरफ कामगार वर्ग परेशान है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी रैली कर रही है।
राबड़ी, तेजस्वी ने पीटी थाली
पटना में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप के साथ-साथ पार्टी के कई नेता व कार्यकर्ता प्रवासियों की बदहाल स्थिति के बीच बीजेपी की ओर से रैली आयोजित करने के खिलाफ थाली बजाई। उनका कहना है कि लॉकडाउन के कारण लोगों का रोजगार छिन गया है और उनकी थाली में अन्न नहीं है, लेकिन इस बीच बीजेपी को सियासत सूझ रही है। आरजेडी ने लॉकडाउन के बाद अपना रोजगार खोकर राज्य लौटे प्रवासियों के साथ भेदभाव का आरोप भी बिहार में जेडीयू-बीजेपी की गठबंधन सरकार पर लगाया है।
पटना की सड़कों पर 'पोस्टर वार'
बीजेपी की वर्चुअल रैली से पहले यहां 'पोस्टर वार' भी छिड़ गया है। इनकम टैक्स और डाक बंगला चौराहे पर आरजेडी नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की तस्वीर के साथ आरजेडी के 'थाली पीटो' कार्यक्रम पर वार किया गया। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद पर तंज करते हुए इसमें लिखा गया, 'कैदी बजा रहा थाली, जनता बजाओ ताली।'
वहीं, कांग्रेस की ओर से भी पटना में पोस्टर जारी किया गया, जिसमें बीजेपी द्वारा वर्चुअल रैली आयोजित करने को 'श्रद्धांजलि दिवस' करार दिया गया। इसमें यह भी लिखा गया कि वर्चुअल रैली के जरिये बीजेपी वास्तव में वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।
आरजेडी, कांग्रेस पर बीजेपी का पलटवार
इस बीच बीजेपी का कहना है कि आरजेडी और कांग्रेस गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली पर राजनीति कर रही है। पार्टी के नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, 'कुछ राजनैतिक दल केवल पीएम मोदी और बीजेपी का विरोध, विरोध, विरोध ही करते हैं।' उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, 'ये वही लोग हैं, जिन्होंने कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में जब थालियां बजाने के लिए कहा था तो उसका विरोध किया था और आज गरीबों के अधिकार के लिए खुद थालियां बजा रहे हैं।'