- बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं
- बिहार में BJP-JDU और LJP का गठबंधन है
- इस गठबंधन को चुनाव में RJD और कांग्रेस के गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल सकती है
नई दिल्ली: कोरोना काल में हर चीज बदल रही है। तो क्या चुनाव प्रचार का तरीका भी बदल जाएगा? जी हां, कोरोना काल में पार्टियां चुनाव कैसे लड़ सकती हैं, इसकी एक झलक आज देखने को मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज शाम 4 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार जनसंवाद रैली करेंगे। पार्टी के कार्यकर्ताओं तक पहुंचने के लिए इस वर्चुअल रैली के माध्यम से अमित शाह लगभग 72,000 बूथों पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
भाजपा का दावा है कि लगभग 5 लाख पार्टी कार्यकर्ता यूट्यूब, फेसबुक लाइव और नमो ऐप पर शाह के भाषण को सुनेंगे। बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी की तरफ से इस रैली के लिए हर प्रकार की तैयारी कर ली गई है।
शाह करेंगे बिहार की बात
बिहार बीजेपी ने ट्वीट कर कहा, 'बिहार जनसंवाद डिजिटल माध्यमों के जरिए आयोजित होने वाला दुनिया का पहला राजनीतिक संवाद कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम से जुड़ एक नए इतिहास के गवाह बनें। बिहार जनसंवाद के जरिए माननीय गृहमंत्री न केवल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में बताने वाले हैं, बल्कि इसके जरिए वह बिहार के बेहतर भविष्य के भाजपा की कार्ययोजनाओं के बारे में भी जानकारी देंगे।'
जारी रहेंगी वर्चुअल रैलियां
इतना ही नहीं अमित शाह 8 जून को पश्चिम बंगाल के लिए भी इसी तरह की वर्चुअल रैली करने वाले हैं। इसी तरह, पार्टी के अन्य शीर्ष नेता अन्य राज्यों में भी रैलियां करेंगे, जहां आने वाले महीनों में चुनाव होने हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मध्य प्रदेश के लिए रैली करेंगे, जहां उपचुनाव होने हैं। ये वर्चुअल रैलियां विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत का प्रतीक है।
भारत में रैलियों में जुटती है लाखों की भीड़
महामारी के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 लंबे समय तक हमारे बीच रह सकता है। ऐसे में इससे दूर रहने के लिए सबसे कारगर तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है। लेकिन भारत में चुनाव प्रचार का जो पारंपरिक तरीका है उसमें लाखों की संख्या में भीड़ जुटती है। यहां नेता जनता के साथ सीधा संवाद करते आए हैं। इसे देखते हुए कोरोना काल में चुनाव में भाग लेना राजनीतिक दलों एवं मतदाताओं के लिए दोनों के लिए एक चुनौती है। सोशल मीडिया एवं वर्चुअल रैली के जरिए राजनीतिक दल लोगों तक पहुंच सकती हैं लेकिन अभी यह तरीका भारत में कभी बड़े पैमाने पर आजमाया नहीं गया है।