- बिहार विधानसभा चुनावों से पहले तेजस्वी ने बेरोजगारी को बनाया बड़ा मुद्दा
- तेजस्वी यादव ने कहा- हम समाज के हर वर्ग के लोगों को देंगे नौकरी
- नीतीश कुमार ने की है दलितों को नौकरी देने की घोषणा
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आते ही राजनीतिक आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाते हुए नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। दरअसल नीतीश कुमार ने दलितों को नौकरी देने की बात कही है जिसके बाद आरजेडी ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि सरकार चुनाव के लिए ऐसी घोषणा कर रही है।
नीतीश पर तेजस्वी का वार
तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'चूंकि चुनाव नजदीक हैं, नीतीश कुमार ने बिहार में मारे गए एससी / एसटी वर्ग के परिजनों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। ओबीसी या सामान्य वर्ग के लोगों के परिजनों को नौकरी क्यों नहीं दी जानी चाहिए जो मारे गए हैं? यह एससी / एसटी लोगों की हत्या को प्रोत्साहित करने जैसा है।'
तेजस्वी ने जारी किया नंबर
नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, 'बिहार की बेरोजगारी दर लगभग 46% है, जो भारत में सबसे अधिक है। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में लगभग 4.5 लाख पद रिक्त हैं। अगर मौका दिया जाता है, तो हमारी सरकार सभी खाली पदों को भरेगी और जनसंख्या के अनुपात में नई रिक्तियां पैदा करेगी।' तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी हटाओ नाम से वेब पोर्टल लांच करने के साथ ही टोल फ्री नंबर- 9334302020 भी जारी किया है।
नीतीश कुमार ने की ये घोषणा
इससे पहले शुक्रवार को ही नीतीश कुमार ने वादा किया था कि वो हर दलित परिवार को नौकरी देंगे। इस पर तेजस्वी ने पलटवार करते हुए कहा कि वह समाज के हर वर्ग को नौकरी देंगे। तेजस्वी ने कहा, '18 से 35 साल के लोगों से सबसे ज्यादा बेरोजगार बिहार में हैं और सबसे अधिक 52 फीसदी गरीब बिहार में है तथा सबसे अधिक पलायन बिहार के करते हैं। डबल इंजन का दावा करने वाली नीतीश सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है।'