- तेज प्रताप यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को 'बंधक' बनाने का आरोप लगाया है
- तेज प्रताप का कहना है कि कुछ लोग हैं जो पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं
- राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि तेज प्रताप खुद को पार्टी से निष्कासित कर चुके हैं
पटना : लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच मनमुटाव होने की खबरों के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता शिवानंद तिवारी ने बड़ा बयान दिया है। तिवारी ने कहा है कि लालू यादव के बड़े बेटे को पार्टी से निकालने का सवाल ही नहीं है लेकिन उन्होंने तेज प्रताप की पार्टी में मौजूदगी को लेकर सवाल उठाए। पत्रकारों के साथ बातचीत में तिवारी ने बुधवार को कहा कि तेज प्रताप ने आरजेडी के बैनर तले अपना एक संगठन शुरू किया है जिसका विरोध पार्टी के नेताओं ने किया है।
तिवारी ने कहा-वह खुद को निष्कासित कर चुके हैं
इस महीने की शुरुआत में तेज प्रताप यादव ने यह दावा कर सभी को हैरान कर दिया कि उनके छोटे भाई तेजस्वी ने लालू यादव को दिल्ली में 'बंधक' बनाकर रखा है। तेज प्रताप का आरोप है कि तेजस्वी राष्ट्रीय जनता दल (राजेडी) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहते हैं। तिवारी का यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि वह राजेडी के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि तेज प्रताप पार्टी में कहां हैं? उन्होंने नया संगठन बनाया है। वह पार्टी में नहीं हैं। उन्हें निष्कासित करने का क्या सवाल है। वह खुद निष्कासित हो चुके हैं।
तेज प्रताप ने लालू को 'बंधक' बनाने का दावा किया है
गत रविवार को तेज प्रताप ने आरोप लगाया कि उनके पिता और वरिष्ठ नेता लालू प्रसाद यादव को इस वर्ष की शुरुआत में जमानत मिलने के बावजूद दिल्ली में 'बंधक' बनाकर रखा गया है। पटना में एक कार्यक्रम के दौरान तेज प्रताप ने आरोप लगाया कि 'पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं जो पार्टी का मुखिया बनने का सपना देख रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'मैंने पिता जी से बात की और उनसे कहा कि वह मेरे साथ पटना में रहें। पटना में जब वह रहते थे तो आवास का मुख्य गेट हमेशा खुला रहता था जहां पर वे आम लोगों से मिला करते थे।'
आरोपों पर बोले तेजस्वी यादव
वहीं, अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव के आरोपों पर तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू जी का ऐसा व्यक्तित्व नहीं है जिसे 'बंधक' बनाकर रखा जा सके। मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, 'लालू जी बिहार के लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं, वह केंद्रीय मंत्री भी रहे। उन्होंने आडवाणी जी को गिरफ्तार किया। जो आरोप लगाए गए हैं वे लालू जी के व्यक्तित्व से मेल नहीं खाते।'