- राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों की मूल्यांकन प्रक्रिया में अहम बदलाव किया गया है
- प्रदेश के 24 विश्वविद्यालयों के शिक्षक अब छात्र-छात्राओं की कापियों को जांच सकेंगे
- विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि, नई शिक्षा नीति के तहत मूल्यांकन में बदलाव किया गया है
State University Exams: प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय ने उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। प्रदेश के 24 विश्वविद्यालयों के शिक्षक अब छात्र-छात्राओं की कापियों को जांच सकेंगे। इस नई व्यवस्था से पारदर्शी तरीके से मूल्यांकन कराया जा सकेगा। साथ ही, परीक्षा परिणाम पर छात्र-छात्राएं सवाल भी नहीं उठा पाएंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षकों से आवेदन मांगा है।
अब तक विश्वविद्यालय और मंडल के चारों जिलों (प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़) के संबद्ध कालेजों के शिक्षकों से ही उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जाता था। साथ ही, इक्का-दुक्का बाहरी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों से भी मदद ली जाती थी। अब इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए बड़ा बदलाव किया गया है। सूबे के 24 विश्वविद्यालयों की सूची तैयार की गई है। इन विश्वविद्यालयों और उससे संबद्ध कालेजों के शिक्षक अब निर्धारित प्रोफार्मा पर रजिस्ट्रेशन कर टीचर कोड हासिल कर सकेंगे। इसमें उन्हें अपने बारे में ब्यौरा देने के अलावा शैक्षणिक योग्यता का विवरण और अनुभव भी दस्तावेजों के साथ साझा करना होगा।
इन विश्वविद्यालयों के होंगे शिक्षक
खास बात यह है कि, सेवानिवृत्त शिक्षक भी उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर सकेंगे। उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली, डा. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय फैजाबाद, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, लखनऊ विश्वविद्यालय, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ, डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ
इन विश्वविद्यालयों से भी होंगे शिक्षक
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय सिद्धार्थनगर, मान्यवर श्री कांशीराम कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा, आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर, उप्र पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय मथुरा, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मेरठ, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) लखनऊ, संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआइ) लखनऊ, डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) गोरखपुर और भातखंडे संगीत संस्थान विश्वविद्यालय लखनऊ के शिक्षक उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे।
राज्य विश्वविद्यालय में क्रेडिट-ग्रेडिंग पर मिलेंगे अंक
प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों की मूल्यांकन प्रक्रिया में अहम बदलाव किया गया है। स्नातक प्रथम वर्ष के सभी प्रश्नपत्र 100 अंक होंगे। इनको क्रेडिट और ग्रेडिंग प्रणाली के आधार पर परिवर्तित किए जाएंगे। सभी प्रश्नपत्र में 75 अंकों का वाह्य और 25 अंक की आंतरिक परीक्षा होगी। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि, नई शिक्षा नीति के तहत मूल्यांकन में बदलाव किया गया है।
10 मई से शुरू हो रही है वार्षिक परीक्षा
नए सत्र में प्रवेश लेने वाले स्नातक छात्रों को स्नातक छात्रों को परीक्षा के लिए दो घंटे एवं द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्रों की समयावधि तीन घंटे तय की गई है। विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं 10 मई से प्रस्तावित हैं। मंडल के चारों जिलों (प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़) के 652 कालेज संबद्ध है। वार्षिक परीक्षा में साढ़े तीन लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इसमें तकरीबन एक लाख पचास हजार स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थी हैं। परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है।