- कर्क राशि चंद्रमा के अधीन आती है
- कर्क संक्रांति के बाद अच्छे समय की शुरुआत होगी
- 15 मार्च के बाद स्थिति लाभप्रद रहेगी
Kark Rashifal 2021 : कर्क राशि ज्योतिष की राशियों में चौथे क्रम में आती है। इस राशि का स्वामी चन्द्रमा है। इस राशि के जातक बहुत ही कुशल वक्ता व राजनीति में बहुत उच्च पदों को प्राप्त करते हैं। बड़े न्यायिक अधिकारी बनते हैं। देश विदेश में उच्च प्रबंधकीय पदों को सुशोभित करते हैं। इस राशि के जातक बहुत सफल व्यवसायी होते हैं। प्रशासनिक सेवा में बड़े पदों को प्राप्त करते हैं। मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु तथा मीन इनकी मित्र राशियां हैं। इस राशि का मुख्य रत्न है मोती। पुखराज भी मोती के साथ धारण कर सकते हैं।
जानें 2021 कर्क राशि वालों के लिए कैसा रहेगा (Cancer yearly horoscope 2021)
1. स्वास्थ्य : 07 फरवरी से 15 मई तक हेल्थ में थोड़ी प्राब्लम रहेगी। कर्क संक्रांति के बाद समय अच्छा रहेगा। नेत्र के रोगी सावधानी बरतेंगे। अगस्त के बाद 17 सितम्बर तक छोटी मोटी दुर्घटना की संभावना है।
2. जॉब : इस वर्ष जॉब के लिए बहुत शानदार अवसर मिलेंगे। आप अपने जॉब में उन्नति करेंगे। सितम्बर से नवम्बर के बीच प्रोमोशन या जॉब चेंज की संभावना है। 15 जनवरी से फरवरी तक जॉब में तनाव संभावित है। इस वर्ष आईटी व मैनेजमेंट से सम्बद्ध जॉब करने वालों को विदेश जाने की संभावना रहेगी। जॉब में परफार्मेंस व प्रोग्रेस के हिसाब से यह वर्ष बहुत ही अच्छा रहेगा।
3. लव लाइफ : जो लोग लव में हैं,15 मई से नवम्बर के मध्य प्रेम विवाह में बदलेगा। इस वर्ष आपका दाम्पत्य जीवन बहुत अच्छा रहेगा। लव लाइफ शानदार रहेगी। फरवरी से अप्रैल के बीच जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। लव लाइफ इस वर्ष परिवार की सहमति से विवाह के रूप में बदलेगी। जून से दिसंबर तक का समय युवाओं के लिए प्रेम विवाह का अच्छा समय है।
4. आर्थिक स्थिति : इस वर्ष आपकी आर्थिक स्थिति मिश्रित फलदायी रहेगी। आय प्राप्ति की अधिकता रहेगी तथा 15 मार्च के बाद स्थिति लाभप्रद रहेगी। इस वर्ष मई से नवम्बर के मध्य कोई मकान या जमीन क्रय कर सकते हैं। इस वर्ष आप धन का बहुत सुंदर निवेश शेयर मार्केट व फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में करेंगे।
5. शुभ समय : अप्रैल के बाद का समय बहुत अच्छा है। सितम्बर से वर्ष के अंत तक समय बेहतर फलदायी है।
6. उपाय : प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव जी के मंदिर जाएं। रुद्राभिषेक करते रहें। प्रदोष का व्रत रहें। अन्न दान करते रहें। गो माता को भोजन कराने से समस्त कष्टों से मुक्ति मिल सकती है।