- ज्योतिष में वृष द्वितीय राशि है
- पूरे साल शांति व लाभ के लिए रुद्राभिषेक कराते रहें
- करियर के लिहाज से अच्छा बीतेगा 2021
वृष राशि ज्योतिष की राशियों में द्वितीय राशि है। इसका स्वामी शुक्र होता है। शुक्र वैभव व ऐश्वर्य का प्रतीक है। शुक्र फ़िल्म तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का कारक ग्रह है। कन्या,तुला,मकर तथा कुम्भ इसकी मित्र राशियां हैं।बुध तथा शनि इसके मित्र ग्रह हैं।ओपल तथा हीरा शुक्र के रत्न हैं।इस राशि के जातक फ़िल्म,मीडिया,प्रबंधन,विधि तथा प्रशासन के फील्ड में बहुत सफल होते हैं।शुक्र राजनीति भी करवाता है तथा प्रशासन में वित्तीय पद भी देता है। बैंकिंग व ला के फील्ड में सफल करता है। फ़िल्म निर्माण में विश्व प्रसिद्ध बनाता है।
जानें 2021 वृषभ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा (tauras yearly horoscope 2021)
1. स्वास्थ्य : इस वर्ष आपका स्वास्थ्य 15 फरवरी तक समस्या दे सकता है। अगस्त के बाद बहुत अच्छा समय रहेगा। यूरिन की प्रॉब्लम शुक्र देता है, स्टोन की समस्या सितम्बर से 15 अक्टूबर तक आ सकती है। हार्ट रोग से प्रभावित लोग इस वर्ष अत्यंत सावधानी बरतेंगे। अगस्त से अक्टूबर तक शुभ मुहूर्त में रुद्राभिषेक कराते रहें।
2. जॉब : इस वर्ष आपका जॉब का समय बहुत शानदार रहेगा।15 फरवरी से अप्रैल के मध्य कोई बड़ी सफलता मिलेगी। मई से अगस्त के मध्य विदेश जाने की प्रबल संभावना है। जॉब चेंज के अवसर प्राप्त होंगे। जॉब में पदोन्नति भी होगी।
3. दाम्पत्य जीवन : इस वर्ष जिन लोगों का विवाह नहीं हुआ है उनके विवाह के मार्ग में आने वाली बाधाएं समाप्त होंगी। विवाह के संयोग बनेंगे।15 मार्च तक लव लाइफ को बचाकर रखना होगा।इस वर्ष आपका वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा। सितम्बर माह में पारिवारिक कारणों से दाम्पत्य जीवन मे थोड़ा तनाव का माहौल बन सकता है।
4. आर्थिक स्थिति : इस वर्ष के प्रारंभिक माह से 15 फरवरी तक व्यवसाय में संघर्ष रहेगा। मई के बाद स्थिति अच्छी रहेगी। इस वर्ष धन का निवेश करेंगे। धन का आगमन बहुत अच्छा होगा। जमीन या मकान खरीदने के संयोग बनेंगे। वाहन भी खरीदने का सुखद संयोग बन सकता है। व्यवसाय में मई के बाद खूब उन्नति है।
5. शुभ समय : 15 अप्रैल से 15 सितम्बर तक फिर अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक,यह समय आपके लिए शुभ है।
6. उपाय : समय समय पर शुभ मुहूर्त में रुद्राभिषेक कराते रहें। प्रत्येक शुक्रवार को श्री सूक्त का पाठ करें। वैभव लक्ष्मी का व्रत रहें।सुगंधित इत्र का प्रयोग करें। माता लक्ष्मी जी व विष्णु जी की उपासना करें। प्रत्येक शुक्रवार को चावल का दान करें।