- मोहन बागान सात महीने पहले आई लीग चैम्पियन बना था
- मोहन बागान ने आईजोल एफसी को 1-0 से मात देकर खिताब जीता था
- कोरोना वायरस महामारी के चलते बागान को खिताबी जीत के जश्न का इंतजार करना पड़ा
कोलकाता: मोहन बागान सात महीने पहले आई लीग चैम्पियन बना था, लेकिन उसके खिलाड़ियों को आखिरकार रविवार को यहां आयोजित समारोह में विजेता ट्रॉफी प्रदान की गयी। मोहन बागान ने चार दौर रहते 10 मार्च को पूर्व चैम्पियन आईजोल एफसी को 1-0 से हराकर खिताब जीता था, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते उसे खिताबी जीत के जश्न का इंतजार करना पड़ा क्योंकि इसके बाद ही सत्र को समाप्त कर दिया गया था।
क्लब के अध्यक्ष स्वप्न सधन बोस और पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास की मौजूदगी में कुछ खिलाड़ियों और अधिकारियों को आई लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनंदो धर ने ट्राफी सौंपी। आई लीग विजेता कोच किबू विकुना इस मौके पर मौजूद नहीं थे, लेकिन सहायक कोच रंजन चौधरी, डिफेंडर धनचंद्र सिंह और कुछ सहयोगी स्टाफ सदस्यों के साथ मौजूद थे।
विकुना अब केरल ब्लास्टर्स एफसी के कोच हैं, उन्होंने वीडियो संदेश में कहा, 'मैं आई लीग खिताबी जीत का जश्न मनाने के इस विशेष दिन पर आपके साथ होकर खुश हूं। आखिर में ट्रॉफी लेने का क्षण आ ही गया, लेकिन दुर्भाग्य से मैं महामारी के कारण इसमें शिरकत नहीं कर सका।'
मोहन बागान अब एटीके के साथ विलय के बाद इंडियन सुपर लीग से जुड़ चुका है। उसने कोविड-19 स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए पंच सितारा होटल में यह समारोह आयोजित किया, जिसमें चुनिंदा लोगों को ही आमंत्रित किया गया।