- पेनल्टी से चूकने वाले इंग्लैंड के खिलाड़ियों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों पर नस्ली टिप्पणी की निंदा की
- यूरो कप में इटली ने इंग्लैंड को पेनल्टी शूटआउट में मात देकर खिताब जीता
लंदन: यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप के फाइनल में इटली के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में चूकने वाले इंग्लैंड के तीनों अश्वेत खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। इसके बाद इंग्लैंड फुटबॉल संघ (एफए) ने बयान जारी करके खिलाड़ियों के लिये उपयोग की जा रही भाषा की निंदा की। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी इंग्लैंड के अश्वेत खिलाड़ियों के प्रति नस्लीय टिप्पणी की निंदा की। जॉनसन ने ट्वीट किया, 'इस तरह के घटिया दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों को खुद पर शर्म आनी चाहिए।'
इंग्लैंड की टीम में सबसे युवा खिलाड़ियों में से एक 19 वर्षीय बुकायो साका के पेनल्टी पर चूकने से इटली ने खिताब जीता और इंग्लैंड 1966 विश्व कप के बाद कोई बड़ा टूर्नामेंट जीतने में नाकाम रहा। यह लगातार तीसरा अवसर है जबकि इंग्लैंड को पेनल्टी शूटआउट में असफलता हाथ लगी। मार्कस रशफोर्ड और जादोन सांचो भी पेनल्टी पर गोल नहीं कर पाये थे।
एफए ने बयान में कहा कि वह तीनों खिलाड़ियों के साथ किये जा रहे व्यवहार से स्तब्ध है। इंग्लैंड की टीम ने यूरोपीय चैंपियनशिप में मैचों से पहले एक घुटने के बल बैठकर नस्लीय असमानता दूर करने के लिये अपना समर्थन व्यक्त किया था। टीम ने फाइनल में पेनल्टी शूटआउट में चूकने से पहले अपने समर्थकों का दिल भी जीतए, लेकिन खिताब नहीं जीतने के बाद घृणा खुलकर सामने आ गयी।
एफए ने बयान में कहा, 'हम प्रभावित खिलाड़ियों का पुरजोर समर्थन करते रहेंगे और (नस्लभेदी टिप्पणियां करने के लिये) जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने की अपील करेंगे।' लंदन की मेट्रोपोलिटन पुलिस ने भी कहा कि वह सोशल मीडिया पर 'अपमानजनक और नस्लीय' टिप्पणियों की जांच कर रही है।
इंग्लैंड के फुटबॉल संघ ने बयान जारी करके कहा कि वे इस 'घटिया बर्ताव' से स्तब्ध हैं। लंदन पुलिस ने 'अस्वीकार्य' दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि वे 'आक्रामक और नस्लीय' सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करेंगे। लंदन के मेयर सादिक खान ने सोशल मीडिया कंपनियों से अपील की कि वे जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए अधिक कदम उठाएं।
उन्होंने ट्वीट किया, 'फुटबॉल या कहीं और नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है। घटिया आनलाइन दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए और सोशल मीडिया कंपनियों को इस नफरत से बचने और हटाने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।'