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'धरती से चांद' की दूरी कदमो पर पूरी करके खेल स्टाफ के लिए जुटाएंगे धन

Updated Jun 12, 2020 | 17:35 IST

Run to the Moon marathon: धरती से चांद की दूरी कदमों से पूरा करते हुए लॉकडाउन में बेहाल खेल जगत के सपोर्ट स्टाफ के लिए जुटाया जाएगा धन।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
मैराथन
मुख्य बातें
  • लॉकडाउन से बेहाल है खेल जगत में पर्दे के पीछे के 'स्टार'
  • सपोर्ट स्टाफ की मदद के लिए धन जुटाने की पहल
  • धरती से चांद की दूरी कदमों से तय करके जुटाया जाएगा धन

मुंबई: कोरोना वायरस का असर जितना खेल जगत के कार्यक्रम पर पड़ा है। उतना ही असर पर्दे के पीछे यानी इस खेल से जुड़े तमाम अन्य लोगों पर पड़ा है। आलम ये है कि खेलों से जुड़े कई लोग इस महामारी से पनपने वाली स्थिति से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने भी इस बात को स्वीकार किया है और हाल को बयां किया है।

पुलेला गोपीचंद के मुताबिक कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए देश में पिछले तीन महीने से जारी लॉकडाउन के कारण ‘कोई आय नहीं होने’ से कोच और सहयोगी सदस्य सबसे बुरी तरह प्रभावित होने वाले पेशेवरों में शामिल हैं। अकादमियों और खेल संस्थाओं के लिए कोष जुटाने के मकसद से गोपीचंद ने अर्जुन पुरस्कार विजेता एथलीटों अश्विनी नचप्पा और मालती होला के साथ मिलकर ‘रन टू द मून’ कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस और एनईबी स्पोर्ट्स इन खिलाडियों का सहयोग कर रहा है।

धन जुटाने की उम्मीद

गोपीचंद ने कहा, ‘लॉकडाउन में पिछले तीन महीनों के दौरान लगभग कोई आय नहीं होने के कारण कोच और स्पोर्ट्स स्टाफ को सबसे ज्यादा परेशानी आई है। हम खेलों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जरूरत के लिए इस पहल का समर्थन और धन जुटाने की उम्मीद करते हैं।’ गौरतलब है कि कोरोना वायरस प्रसार को रोकने के लिए देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। उस समय से लगभग सभी खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं।

'रन टू द मून'- धरती से चांद तक..

इस दौड़ में सभी प्रतिभागियों को कुल मिलाकर 3,84,400 किलोमीटर की दूरी तय करनी है। यह दूरी धरती और चांद के बीच की दूरी है। इस दौड़ की शुरूआत 20 जून को होगी जबकि इसका समापन 20 जुलाई को होगा। इसमें देश भर के पेशेवर और गैरपेशेवर धावक हजारों की संख्या में भाग लेंगे। दौड़ के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया 18 जून तक जारी रहेगी। इसमें हर धावक को 30 दिनों में न्यूनतम 65 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। पंजीकरण कराने वाले को अपने पसंद की खेल अकादमी को 100 रूपये का दान करना होगा।