नई दिल्ली। घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक और कदम उठाते हुए सरकार ने सोमवार को मोबाइल चार्जर और कुछ अन्य छोटे पुर्जो पर आयात (सीमा) शुल्क में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की। इस कदम के साथ ही अब देश में मोबाइल फोन महंगे हो जाएंगे।वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा, "चार्जर और मोबाइल फोन के कुछ पार्ट्स पर छूट वापस लेने से स्मार्टफोन के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। घरेलू इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण तेजी से बढ़ा है। अब हम मोबाइल और चार्जर जैसी वस्तुओं का निर्यात कर रहे हैं।"
मोबाइल के पार्ट्स होंगे महंगे
उन्होंने कहा, "अधिक घरेलू मूल्य संवर्धन के लिए, हम चार्जर के कुछ पार्ट्स और मोबाइल फोन के छोटे पुर्जो पर कुछ छूट वापस ले रहे हैं। अब मोबाइल के कुछ पार्ट्स के दाम 'शून्य' से 2.5 प्रतिशत की दर तक बढ़ जाएंगे।"केंद्र ने पहले ही विशेष रूप से मोबाइल फोन निर्माण के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है, ताकि आयात पर अंकुश लगाया जा सके।
पिछले साल अक्टूबर में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने पीएलआई योजना के तहत भारत में मोबाइल फोन के निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय आवेदकों में से सैमसंग, फॉक्सकॉन होन हेई, पेगाट्रॉन, राइजिंग स्टार और विस्ट्रॉन की आवेदन को मंजूरी दी थी।योजना के तहत मोबाइल फोन निर्माण के लिए स्वीकृत घरेलू कंपनियों में लावा, भगवती (माइक्रोमैक्स), पैडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स, यूटीएल नियोलिंक और ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।
चीन और दूसरे देशों से आते हैं कलपुर्जे
बता दें कि फिलहाल ज्यादातर कंपनियां चीन और दूसरे देशों से कलपुर्जे मंगवाकर भारत में असेंबल करती हैं। ऐसे में बजट का असर असेंबल होने वाले मेक इन इंडिया मोबाइल पर पड़ेगा। हालांकि इससे लंबी अवधि में भारत में मोबाइल विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और भारत में भी ये कंपनियां कलपुर्जे तैयार करने के लिए प्रोत्साहित होंगी।