- माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर इन दिनों काफी सुर्खियों में है
- ट्विटर फैक्ट चेक का नया फीचर सामने आया है
- डोनाल्ड ट्रंप और ट्विटर के बीच बहस होने के बाद ये चर्चा में आया
माइक्रोब्लगिंग साइट ट्विटर पिछले लगभग एक सप्ताह से काफी सुर्खियों में है। सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने पिछले ही सप्ताह दुनिया के सबसे बड़ी शख्सियत और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दो ट्वीट का फैक्ट चेक किया तब से ही ट्विटर का ये फीचर चर्चा में आ गया है। इससे पहले ट्विटर पर क इस तरह के आरोप लगते आ रहे थे कि ट्विटर पर कोई कुछ भी पोस्ट कर सकता है इसमें सेंसर नाम की कोई चीज नहीं है फैक्ट चेक नहीं वगैरह वगैरह। लेकिन जब से डोनाल्ड ट्रंप वाला प्रकरण हुआ है तब से ही कई लोग ट्विटर के इस नए फीचर की खुल कर तारीफ कर रहे हैं।
इससे पहले ट्विटर पर फेक न्यूज फैलाने व इसे प्रमोट करने का आरोप लग रहा था लेकिन ट्रंप और ट्विटर के बीच जब से तनातनी हुई है तब से इन आरोपों पर भी विराम लग गया है। अमेरिकी चुनाव में मत-पत्रों के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल से धांधली की आशंका जताते हुए थे राष्ट्रपति ट्रंप ने दो ट्वीट किए थे जिसे गलत बताते हुए ट्विटर ने उन पोस्ट का फैक्ट चेक किया था।
हालांकि बीते कुछ समय में ट्विटर ने अपने नियमों में भी काफी सख्ती बरती है। बड़ी-बड़ी शख्सियतों के भी फेक पोस्ट को अब डिलीट कर दिया जाता है। यहां तक कि जिनका लगातार फेक न्यूज फैलाने का इतिहास रहा है उसे ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर से ब्लॉक भी कर देता है या उसका अकाउंट हटा देता है। खास तौर पर कोविड-19 जैसे महामारी के इस दौर में कई तरह की अफवाहें फैलती रहती है उन्हीं पर अंकुश लगाने के लिए ट्विटर ने अपने नियमों में सख्त बदलाव किए हैं।
क्या है ट्विटर का फैक्ट चेक
इसी कड़ी में ट्विटर एक नया फीचर लेकर आया है जिसका नाम है न्यू लेबल्स एंड वॉर्निंग (News Labels and Warning) इसी का पार्ट है फैक्ट चेक (Fact Check)। भ्रामक न्यूज, सूचना, पोस्ट और ट्वीट के आधार पर फैक्ट चेक किया जाता है। इसके लिए चेतावनी जारी की जाती है जो किसी के भी ट्वीट पर हो सकती है जो भ्रामक हो। ये चेतावनी उन लोगों को सूचित करेगी कि ये सूचना आधिकारिक रुप से गलत है। इसकी कहीं कोई पुष्टि नहीं की गई है। हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट का भी फैक्ट चेक किया गया था जिसे ट्विटर के प्रवक्ता लिंडसे मैक्कुलम ने भी सपोर्ट किया।