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कोरोना से जंग में DM बुलंदशहर की पहल, घर-घर मास्‍क बांट फैला रहे जागरूकता

DM Bulandshahr Ravindra Kumar IAS
Updated Jun 15, 2020 | 17:06 IST

कोरोना वायरस को जागरूकता और सावधानी से ही हराया जा सकता है। इस महत्‍वपूर्ण बात को आम जन तक पहुंचाने का डीएम बुलंदशहर ने अनोखा तरीका निकाला है। वह घर-घर जाकर मास्‍क बांट रहे हैं और जागरूकता फैला रहे हैं।

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DM Bulandshahr Ravindra Kumar IAS
मुख्य बातें
  • घर-घर जाकर अपने हाथों से मास्‍क बांट रहे डीएम बुलंदशहर
  • लोगों के बीच जाकर माइक की मदद से कर रहे जागरूक
  • अब तक बांटे जा चुके हैं हजारों की संख्‍या में मास्‍क

कोरोना जैसे खतरनाक वायरस को जागरूकता और सावधानी से ही हराया जा सकता है। जरूरी कार्य ना हो तो घर पर ही रहें। अगर किसी आवश्‍यक कार्य से कहीं निकलना है तो मास्‍क लगाकर जाएं। सेनिटाइजर साथ रखें और किसी चीज को छूने के बाद हाथों को साबुन या सेन‍िटाइजर से साफ कर लें। सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करें, बातचीत करते वक्‍त दो गज की दूरी रखें। इन महत्‍वपूर्ण बातों को आम जन तक पहुंचाने के लिए डीएम बुलंदशहर ने अनोखा तरीका निकाला है। 

एक तरफ दिल्‍ली से सटे बुलंदशहर की 35 लाख आबादी को कोरोना के कहर से बचाए रखने की चुनौती का मुश्‍तैदी से मुकाबला कर रहे जिलाधिकारी बुलंदशहर IAS रविंद्र कुमार जिले के लोगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाकर उनके बीच जा रहे हैं। वह घर-घर जाकर अपने हाथों से मास्‍क बांट रहे हैं और साथ-साथ माइक में बोलकर लोगों को कोरोना से बचाव के ल‍िए जागरूक भी कर रहे हैं। 

सफल हो रहा प्रयास, कोरोना पर कसी नकेल

जिलाधिकारी बुलंदशहर IAS रविंद्र कुमार का जागरूकता का यह प्रयास सफल भी होता दिखाई दे रहा है। दिल्‍ली और नोएडा बॉर्डर पर जुटे प्रवासी मजदूरों के भारी संख्‍या में बुलंदशहर आने और यहां से अन्‍य जिलों में जाने के दौरान कोरोना के संक्रमण की चुनौती जो कई गुना बढ़ गई थी, उसे जिला प्रशासन की सूझबूझ से काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया। 35 लाख आबादी वाले जिले में कोरोना के मरीजों की संख्‍या 338 है जिसमें 120 मरीज ठीक हो चुके हैं। 

जिले में ही रोजाना बन रहे हजारों की संख्‍या में मास्‍क

बुलंदशहर जिले में हजारों की संख्‍या में रोजाना मास्‍क बनाए जा रहे हैं। डीएम बुलंदशहर ने जानकारी दी कि यहां स्‍वयं सहायता समूह और एनजीओ की मदद से महिलाएं एवं पुरुष कॉटन के धुलने योग्‍य मास्‍क बना रहे हैं। इन मास्‍क को प्रशासन खरीदकर लोगों में बांट रहा है। बुलंदशहर आए और यहां से दूसरे स्‍थानों पर गए प्रवासियों को भी दो-दो मास्‍क देकर भेजा गया। वहीं बिना मास्‍क घूमने वाले लोगों को भी मास्‍क दिए जा रहे हैं।