नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन है। सोशल डिस्टेंसिंग के कारण किसी भी समारोह के आयोजन पर पाबंदी है। कई जगह शादी की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है तो कई लोगों ने ऑनलाइन शादी करने का फैसला किया। लेकिन उन शादी समारोह में बहुत दिक्क्त आई जो लॉकडाउन लागू होने से ठीक पहले हुए। ऐसी ही एक शादी इन दिनों खबरों में है जो 21 मार्च को हो गई थी, मगर लॉकडाउन के चलते बारात एक महीने से ज्यादा समय हो जाने के बावजूद वापस नहीं लौट सकी। हालांकि, प्रशासन ने मजबूरी के देखते हुए बाद में बारात को लिए यात्रा अनुमति दे दी।
बारात को 23 मार्च को रवाना होना था
दरअसल, बारात झारखंड के धनबाद से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ आई थी। शादी पिछले महीने 21 मार्च को हो गई थी और बारात को 23 मार्च को झारखंड के लिए वापस रवाना होना था। इसी बीच 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' और उसके बाद लॉकडाउन ने बारात के वापस लौटने पर पानी फेर दिया। बारात में आए 15 मेहमान भी एक महीने से अधिक समय तक दुल्हन के घर पर ही फंसे रहे। ऐसे में दुल्हन के घर वालों को बारात में आए लोगों के लिए रोजाना नाश्ते और भोजन की व्यवस्था करनी पड़ी। परिवार को इतने लोगों का जरूरी सामान जुटाना मुश्किल हो रहा था।
मदद को आगे आए स्थानीय सांसद
दूल्हे के साथ आई बराती जब कई दिन फंसी रही तो दुल्हन के परिवार ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई। जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में बारात को वापस जाने की अनुमति नहीं दी। लेकिन स्थानीय सांसद के दखल के बाद दुल्हन के परिवार ने राहत की सांस ली। स्थानीय सांसद राजवीर सिंह और जिला मजिस्ट्रेट के हस्तक्षेप के बाद बरात को वापस झारखंड जाने की अनुमति दे दी गई। गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण किसी बारात के दुल्हन के घर पर इतने लंबे समय तक रुकने का उत्तर प्रदेश में पहला मामला सामने आया है।