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केरल के मंदिर में पहुंचा 'शाकाहारी' मगरमच्‍छ, तस्‍वीरें देख लोग हुए हैरान [PHOTOS]

Updated Oct 22, 2020 | 10:19 IST

Vegetarian crocodile: केरल के अनंतपुरा मंदिर परिसर में एक मगरमच्‍छ के पहुंचने की घटना सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। बताया जाता है कि इसे भोजन मंदिर के प्रसाद से मिलता है और पुजारी खुद इसे भोजन कराते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
केरल के मंदिर में पहुंचा 'शाकाहारी' मगरमच्‍छ, तस्‍वीरें देख लोग हुए हैरान [PHOTOS]
मुख्य बातें
  • केरल के एक मंदिर में विशालकाय मगरमच्छ पहुंच गया
  • इसकी तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं
  • इसे 'शाकाहारी' मगरमच्‍छ बताया जा रहा है

कासरगोड : उत्तर केरल के कासरगोड स्थित श्री अनंतपुरा मंदिर परिसर में एक विशालकाय मगरमच्छ सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इसका नाम 'बाबिया' बताया जा रहा है, जो वर्षों से मंदिर परिसर में स्थित तलाब में रहता रहा है। इसके बारे में जो सबसे हैरान करने वाली बात सामने आ रही है, वह यह है कि इसे शाकाहारी बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि वर्षों से मंदिर परिसर के तालाब में रहने के बावजूद बाबिया पहली बार मंदिर परिसर में दाखिल हुआ है। हालांकि किसी को भी यह पता नहीं है कि यह किस तरह मंदिर परिसर में पहुंचा।

इस मगरमच्‍छ के बारे में माना जा रहा है कि यह पिछले 70 वर्षों से मंदिर परिसर में स्थित तालाब में रह रहा है और अब तक इसका कोई हिंसक व्‍यवहार सामने नहीं आया है। बताया जा रहा है कि तालाब में पर्याप्‍त संख्‍या में मछलियां भी हैं, लेकिन उसने कभी अपने भोजन के लिए उन पर हमला नहीं किया। बाबिया भोजन के लिए मंदिर के प्रसाद पर निर्भर है, जो उसे पूजा के बाद खिलाया जाता है।


तस्‍वीर साभार : @Deepash89016327)

पुजारी खुद खिलाते हैं भोजन

बताया जा रहा है कि पुजारी इसे दिन में दो बार खाना खिलाते हैं। कई बार वह उसके मुंह में खुद चावल डालते हैं। कहा जा रहा है कि पुजारी के बुलाने पर यह तालाब से बाहर आ जाता है। दोनों के बीच अच्‍छा तालमेल बताया जा रहा है।


(तस्‍वीर साभार : @Deepash89016327)

'शाकाहारी' मगरमच्‍छ की यह कहानी सोशल मीडिया पर छाई हुई है।


(तस्‍वीर साभार : @Deepash89016327)

जिस अनंतपुरा मंदिर परिसर के तालाब में यह मगरमच्‍छ रहता है, वह अनंतपुर गांव में बना है। माना जाता है कि यह तिरुवनंतपुरम स्थित अनंतपद्मनाभ स्वामी (पद्मनाभस्वामी मंदिर) का मूलस्थान है। श्रद्धालुओं का मानना है कि मंदिर को भगवान ने मंदिर की रक्षा के लिए इस मगरमच्‍छ को गार्जियन नियुक्त किया है।