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भरतनाट्यम से लेकर छाऊ तक, भारत की आजादी के 75वें साल पर Google ने बनाया ये खास Doodle

भरतनाट्यम से लेकर छाऊ तक, भारत की आजादी के 75वें साल पर Google ने बनाया ये खास Doodle
Updated Aug 15, 2021 | 14:05 IST

देश की आजादी के 75वें साल में सर्च इंजन गूगल ने विशेष डूडल बनाया, जिसमें नृत्‍य की शैलियों और परंपराओं को समर्पित किया गया है। इसमें भरतनाट्यम से लेकर छाऊ तक को देखा जा सकता है।

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भरतनाट्यम से लेकर छाऊ तक, भारत की आजादी के 75वें साल पर Google ने बनाया ये खास Doodleभरतनाट्यम से लेकर छाऊ तक, भारत की आजादी के 75वें साल पर Google ने बनाया ये खास Doodle
भरतनाट्यम से लेकर छाऊ तक, भारत की आजादी के 75वें साल पर Google ने बनाया ये खास Doodle

नई दिल्ली : देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने अपना डूडल देश की विविध नृत्य शैलियों और परंपराओं को समर्पित किया है और इसके जरिए भारत की अनेकता में एकता का संदेश देने के साथ ही राष्ट्र की जीवंत तस्वीर पेश करने की कोशिश की है।

डूडल में रंग बिरंगे परिधानों में सजे कलाकार भरतनाट्यम से ले कर पुरुलिया छाऊ नृत्य करते नजर आ रहे हैं। गूगल ने अपनी वेबसाइट पर जो सूचना साझा की है उसके मुताबिक यह डूडल कोलकाता की कलाकार सान्या मुखर्जी ने बनाया है जो 'भारत के स्वतंत्रता दिवस के जश्न को और उसकी सांस्कृतिक परंपराओं को दिखाता है।'

नृत्‍य की शैली में अनूठा डूडल

डूडल में एक स्टेज दिखाया गया है जिसमें छह कलाकार नृत्य की अलग अलग मुद्राओं में हैं और उनके पीछे जीवंत आकृतियां दिखाई दे रही हैं। एकदम बायीं ओर एक कलाकार भरतनाट्यम कर रही है और उसकी मुद्रा तथा परिधान से गूगल का अक्षर 'जी' बनाया गया है, इसके बाद एक कलाकार बीहू नृत्य के वक्त पहने जाने वाला परिधान पहने हैं और उसने असम की पारंपरिक टोपी 'जापी' पकड़ी हुई है जो गूगल का अक्षर 'ओ' बना रही है।

पंजाब का भांगड़ा करता एक कलाकार ढोल बजा रहा है और उससे भी 'ओ' अक्षर बनाया गया है, और इसी प्रकार से शेष कलाकारों ने भी गूगल के अक्षर बनाए हैं। गूगल ने कहा, 'भारत में वैश्विक आबादी का छठवां हिस्सा रहता है और उसकी पहचान हजारों अलग अलग भाषाओं तथा इसमें रहने वाले जातीय समूहों से होती है। उपमहाद्वीप के 29 राज्यों में भारतीय अपनी आजादी और विविध संस्कृतियों का जश्न पारंपरिक नृत्यों आदि के जरिए मनाते हैं,जो उनके क्षेत्रीय परंपराओं के अनुसार भिन्न होते हैं।'