- सर फिलिप बार्टन, भारत में ब्रिटेन के हाईकमिश्नर हैं
- फिलिप बार्टन ने भारत से लगाव की वजह से अपनी बेटी का नाम इंडिया रखा
- भारत और दोनों के बीच साझा करने के लिए बहुत कुछ मिलजुल कर दोनों देश बढ़ सकते हैं
नई दिल्ली: कहते हैं कि आप किसी से बेइंतहा प्यार करते हैं तो एक न एक दिन आपकी वो ख्वाहिश साकार हो ही जाती है। यह हो सकता है कि थोड़ा वक्त लग जाए लेकिन आप को अपनी चाहत मिल ही जाती है। दरअसल यह लाइन भारत में ब्रिटेन के हाईकमिश्नर सर फिलिप बार्टन पर सटीक बैठती है।
सर फिलिप बार्टन को हाईकमिश्नर के तौर पर भारत आने का मौका मिला है। लेकिन उनका इस भूमि से दशकों पुराना नाता है।
फिलिप बार्टन बताते हैं कि उनकी मां का जन्म शिमला में हुआ था। वो जब पैदा हुए और कुछ समझना शुरु किए तो वो भारत से संबंधित बातों को बड़े ध्यान से सुनते थे। काम के दौरान उनकी पत्नी से मुलाकात हुई और अपनी बेटी का नाम इंडिया रखा। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि एक दिन वो हाईकमिश्नर के तौर पर भारत आएंगे।
वो बताते हैं कि भारत और ब्रिटेन के बीत बहुत कुछ साझी बातें हैं जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है। हमारे विचार दोनों देशों के बीच सेतु का काम कर सकते हैं और उस दिशा में हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। भारत के राष्ट्रपति को अपने दस्तावेजों को सौंपने के बाद उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और भारत के बीच रिश्ता सिर्फ सामानों के आयात निर्यात से ही नहीं जुड़ा हुआ है एक तरह से हम एक दूसरे से अलग तरीके से बंधे हुए हैं। अपनी मां के बारे बताते हैं कि वो शिमला में जन्मीं और उनसे वो भारत के बारे में अच्छी अच्छी बातें सुना करती थीं और उसका एक अलग प्रभाव उन पर पड़ा।