बीजिंग : अमेरिकी कांग्रेस के भीतर और बाहर निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के बाद पूरी दुनिया सकते में है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया के दिग्गज नेताओं ने इस पर दुख जताते हुए शांति की अपील की है। लेकिन चीन को इसमें मजा आ रहा है। इसकी तुलना 2019 में हॉन्गकॉन्ग में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन से करते हुए चीन में सोशल मीडिया के जरिये अमेरिकी हिंसा को लेकर मजाक बनाया जा रहा है। हालांकि चीन सरकार की तरफ जारी औपचारिक बयान में उम्मीद जताई गई है कि अमेरिका में जल्द ही शांति व स्थिरता बहाल होगी।
यूएस कैपिटल हिंसा के बाद चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसे उम्मीद है कि अमेरिकी जनता जल्द ही शांति, स्थिरता व सुरक्षा को महसूस कर सकेंगे। चीन सरकार के इस औपचारिक बयान से बिल्कुल अलग यहां के सरकारी अखबार और सोशल मीडिया यूजर्स अमेरिकी कांग्रेस में ट्रंप समर्थकों द्वारा किए गए हंगामे का माखौल उड़ाते नजर आए, जिसमें अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। चीन की सरकारी मीडिया 'ग्लोबल टाइम्स' के ट्विटर हैंडल से हॉन्गकॉन्ग प्रदर्शन और अमेरिकी हिंसा की तुलना करते हुए तस्वीरें भी शेयर की गई हैं।
तस्वीरों के जरिये तंज
इन तस्वीरों के जरिये ग्लोबल टाइम्स ने अमेरिका पर तंज कसा है और अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी के एक बयान का भी हवाला दिया है, जो उन्होंने जून 2019 में दिया था और जिसमें उन्होंने हॉन्गकॉन्ग के प्रदर्शन को लोकतांत्रिक व्यवस्था का 'खूबसूरत परिदृश्य' करार दिया था। इसमें कहा गया है, 'यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कैपिटल हिल में इस बवाल के बारे में ऐसा ही कहेंगी या नहीं।' इन तस्वीरों के जरिये यह दर्शाने की कोशिश की गई कि हॉन्गकॉन्ग के प्रदर्शनकारियों को जहां लोकतंत्र समर्थक कहा गया, वहीं अमेरिकी कांग्रेस में उत्पात मचाने वालों को दंगाई कहा जा रहा है।
ग्लोबल टाइम्स ही नहीं, चीन की कम्युनिस्ट यूथ लीग ने भी ट्विटर जैसे चाइनीज प्लेटफॉर्म वीबो पर अमेरिका में हुई इस हिंसा को 'सुंदर दृश्य' करार दिया। वीबो पर गुरुवार को हैशटैग #Trump supporters storm US Capitol छाया रहा और अब तक इस पर 23 करोड़ व्यूज मिल चुके हैं। चीन में सरकार समर्थित सोशल मीडिया यूजर्स अमेरिकी कांग्रेस में हुए इस हिंसक प्रदर्शन की तुलना हॉन्गकॉन्ग की घटना से कर खुश हो रहे हैं। यूजर्स ने यूरोपीय देशों पर दोहरा मानदंड अपनाने का आरोप भी लगाया और कहा कि उन्हें नहीं पता कि अब अंतरराष्ट्रीय मीडिया हॉन्कॉन्ग को लेकर किस तरह की रिपोर्ट करेगी।