बीजिंग : चीन में कोरोना वायरस के कारण लोगों की जान पर बन आई है। इस वायरस के कारण अब तक 361 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 17,205 पहुंच गई। चीन में एक बार फिर इस वायरस ने महामारी का रूप ले लिया है, जिसका विस्तार अन्य देशों में भी होता जा रहा है। चीन में इससे पहले सीवियर एक्यूट रेसपेरेट्री सिंड्रोम (सार्स) और बर्ड फ्लू जैसे जानलेवा वायरस के कारण भी भारी तबाही हो चुकी है। आखिर क्या वजह है कि चीन में ही ऐसी संक्रामक जानलेवा बीमारियां फैलती हैं और फिर वह पूरी दुनिया में फैल जाती है?
मांस मार्केट
चीन में ऐसी संक्रामक बीमारियों के फैलने की बड़ी वजह यहां के फूड मार्केट को बताया जाता है। यहां के शहरों में फल-सब्जी से लेकर मांस मार्केट भी खूब हैं, जहां से संक्रामक वायरस इंसानों में फैलता है और फिर यह महामारी का रूप ले लेता है। यहां सांप, छिपकली से लेकर तमाम तरह के जीवों का मांस लोगों की खानपान का हिस्सा है और लोग बड़े चाव से इन्हें खाते हैं। यहां सी-फूड मार्केट भी खूब चलन में हैं, जहां कई तरह के समुद्री जीवों का मांस बिकता है।
जानवरों से इंसानों में संक्रमण
दुनियाभर में करीब 60 फीसदी संक्रामक बीमारियां जानवरों के जरिये इंसानों में फैलती हैं। पिछले लगभग 30 वर्षों में 30 नई संक्रामक बीमारियां सामने आई हैं, जिनके वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंचे हैं। अफ्रीका में इबोला वायरस का संक्रमण जब सामने आया था, तब भी यह तथ्य सामने आया था कि वहां चिंपाजी को मारकर खाने के कारण इसका वायरस इंसानों में पहुंचा, जिसने देखते ही देखते पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। चीन में फैले कोरोना वायरस के पीछे भी इसी तरह की वजह बताई जा रही है।
घनी आबादी
चीन की घनी आबादी भी इसका एक बड़ा कारण है। यहां करीब 140 करोड़ की आबादी है और दुनियाभर का करीब 50 फीसदी पशुधन भी इस देश के पास है। ऐसे में जानवरों के शरीर से वायरस इंसानों तक पहुंचने के लिए वातावरण पूरी तरह अनुकूल होता है। चीन के दुनिया का अन्य देशों से भी खूब संपर्क है और यहां विदेशों से आवाजाही खूब होती है, जिसके कारण किसी भी तरह का संक्रामक वायरस तेजी के साथ दुनिया के अन्य देशों में भी फैल जाता है। भारत में ऐसे तीन मामले अब तक सामने आ चुके हैं।
एनिमल फार्मिंग
चीन में एनिमल फार्मिंग खूब होती है। इसकी वजह दुनियाभर में मांस का बढ़ता कारोबार है। मांस की बढ़ती मांग को देखते हुए यहां कई तरह के जानवरों की फार्मिंग की जाती है। ऐसे में कई बार जंगली जानवरों की फार्मिंग भी होने लगती है, जिससे उनका वायरस फार्मिंग वाले जानवरों में भी फैल जाता है और मीट मार्केट के जरिये यह इंसानों तक पहुंच जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मीट मार्केट में जानवरों के मांस और रक्त का इंसानों के शरीर से सीधा संपर्क रहता है और इस दौरान साफ-सफाई में थोड़ी सी चूक भी बड़े खतरे का कारण बन जाती है।
सार्स, बर्ड फ्लू का कहर
चीन में इस तरह की जानलेवा संक्रामक बीमारी पहले भी फैल चुकी है। इससे पहले वर्ष 2002-03 में सार्स वायरस फैला था, जिसके कारण लगभग 900 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 8,422 संक्रमित हुए थे। यह दक्षिणी चीन के गुआंगडॉन्ग इलाके से शुरू हुआ था। यहां से बर्ड फ्लू के कई मामले भी सामने आए हैं। वर्ष 2013 में H7N9 एवियन इनफ्लुएंजा मामला भी चीन से ही सामने आया था, जबकि वर्ष 2018 में चीन के जियांग्शु प्रांत से H7N4 वायरस का मामला सामने आया था। इसके बाद वर्ष 2019 में चीन के शिनजियांग प्रांत से H5N6 बर्ड फ्लू का मामला सामने आया था।