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डोनाल्‍ड ट्रंप का तीसरा स्‍टेट ऑफ द यूनियन संबोधन, अमेरिकी चुनाव से क्या है कनेक्‍शन?

Updated Feb 05, 2020 | 11:37 IST

अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीसरे स्‍टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस के दौरान डेमोक्रेट्स पर खूब निशाना साधा। इस दौरान उनकी मुलाकात नैंसी पेलोसी से भी हुई, जो उनके खिलाफ महाभियोग को लेकर मुखर रही हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
तीसरे स्‍टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस के दौरान ट्रंप

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने तीसरे स्‍टेट ऑफ द यूनियन संबोधन के दौरान देश की अर्थव्‍यवस्‍था और स्वास्‍थ्‍य सुविधाओं को और बेहतर बनाने पर जोर दिया। इस दौरान उन्‍होंने डेमोक्रेट्स पर खुलकर हमला बोला और कहा कि उनके पास स्वास्‍थ्‍य योजनाओं को लेकर कोई विजन नहीं है। इस दौरान ट्रंप की मुलाकात अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्‍पीकर नैंसी पेलोसी से भी हुई, जो उनके खिलाफ महाभियोग को लेकर मुखर रही हैं।

अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्‍ट्रपति चुनाव से ठीक पहले ट्रंप के इस संबोधन को बेहद खास माना जा रहा है। देश और दुनियाभर में प्रसारित होने वाले इस संबोधन का इस्‍तेमाल जहां वह अपनी बात लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं उन्‍होंने डेमोक्रेट्स पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, जो चुनाव में उनका मुख्‍य प्रतिद्वंद्वी है। इसके जरिये वह अपने चुनावी अभियान को भी गति देने का प्रयास कर रहे हैं।

ट्रंप इस दौरान अपने खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया का जिक्र करने से बचते दिखे, जिसका प्रस्‍ताव प्रतिनिधि सभा से पारित हो चुका है और अब यह सीनेट में है। सीनेट में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है, जिससे माना जा रहा है कि इस सदन में यह प्रस्‍ताव गिर जाएगा। ट्रंप के संबोधन के दौरान रिपब्लिकन्‍स और डेमोक्रेट्स के बीच सियासी खींचतान भी देखने को मिली। दौरान जहां रिपब्लिकन सदस्‍यों ने कई बार खड़े होकर तालियां बजाईं, वहीं डेमोक्रेट्स अधिकतर बैठे रहे।

क्‍या है स्‍टेट ऑफ द यूनियन संबोधन?
स्‍टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस अमेरिका में राष्‍ट्रपति की ओर से दिया जाने वाला सालाना संबोधन है। राष्‍ट्रपति अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्‍त सत्र में यह संबोधन देते हैं, जिसमें सत्‍तापक्ष और विपक्ष के सभी सदस्‍य मौजूद रहते हैं। यह संबोधन पद पर रहते हुए हर कैलेंडर ईयर की शुरुआत पर दिया जाता है। इसमें जहां बजट और देश की आर्थिक दशा पर बात की जाती है, वहीं राष्‍ट्रपति के पास राष्‍ट्रीय हितों को ध्‍यान में रखते हुए किसी कानून का एजेंडा पेश करने का अधिकार भी होता है।