- सुरक्षा परिषद में भारत के खिलाफ एक बार फिर पाकिस्तान की कोशिश नाकाम हो गई है
- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस सहित कई देशों ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत का साथ दिया
- पाकिस्तान ने आतंकवाद पर यूएन प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया, जो नाकाम हो गई
न्यूयार्क : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के खिलाफ लामबंदी का प्रयास किया, लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस सहित कई देशों ने भारत का साथ दिया, जिसके बाद उसकी कोशिशें धरी की धरी रह गईं। पाकिस्तान चार भारतीयों को सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध कराने के लिए आगे आया था, लेकिन उसकी यह कोशिश कामयाब नहीं हुई।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत अंगारा अप्पाजी, गोबिंद पटनायक, अजय मिस्री और वेणुमाधव डोंगारा का नाम प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के लिए दिया था। लेकिन सुरक्षा परिषद के सदस्यों- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम ने पाकिस्तान के इस कदम को अवरूद्ध कर दिया, जिससे भारत के खिलाफ उसकी यह कोशिश नाकाम हो गई।
टीएस तिरूमूर्ति ने किया ट्वीट
भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आतंकवाद को लेकर संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने की इस्लामाबाद की कोशिश नाकाम हो गई। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने ट्वीट कर कहा, 'आतंकवाद पर 1267 विशेष प्रक्रिया को धार्मिक रंग देकर इसका राजनीतिकरण करने की पाकिस्तान की कोशिश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नाकाम हो गई।' उन्होंने सुरक्षा परिषद के उन सभी सदस्यों का आभार जताया, जो पाकिस्तान के इस प्रयास के खिलाफ भारत के साथ आए।
भारत ने पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध सूची में भारतीय नागरिकों को लेकर पाकिस्तान द्वारा बोले गए झूठ का पर्दाफाश किया था। पाकिस्तान की इस टिप्पणी पर कि उसने चार भारतीयों के नाम प्रतिबंधित सूची में शामिल किए जाने के लिए दिए हैं, भारत ने कहा था कि प्रतिबंध सूची सार्वजनिक है और दुनिया देख सकती है कि इनमें से कोई भी व्यक्ति इसमें शामिल नहीं है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा कमेटी सबूतों के आधार पर काम करती है न कि अनर्गल आरोप लगाकर उनका समय और ध्यान भटकाने की कोशिशों पर।