- कोरोना महामारी को चीन ने अवसर के तौर पर देखा, भारत उसका एक उदाहरण
- चीन अपने विस्तारवादी नीति पर लगाम लगाए
- चीन अपने चारों तरफ तनाव का बढ़ा रहा है, तनाव कम करने की दिशा में जिनपिंग सरकार सामने आए।
नई दिल्ली। पूरी दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है और इसके लिए अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश चीन को जिम्मेदार बताते हैं। कोरोना महामारी का सामना करने के लिए एक अदद वैक्सीन का इंतजार है। इन सबके बीच अमेरिका का मानना है कि कोरोना महामारी का चीन ने फायदा उठाया जिसका उदाहरण भारत है। अमेरिकी राजनयिक डेविड स्टिलवेल कहते हैं कि जिस तरह से भारत के साथ चीन टकराव की मुद्रा में है वो अमेरिकी दावों की पुष्टि करता है।
चीनी रुख पर अमेरिकी रुख सख्त
डेविड स्टिलवेल, अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोंपियो के बयान को दोहराते हुए कहते हैं कि दक्षिण चीन सागर से लेकर हिमालय तक चीन की एकतरफा विस्तारवादी नीति उदाहरण है। चीन अपने मकसद को पूरा करने के लिए कोरोना महामारी को अवसर के तौर पर देखा।29-30 अगस्त की रात जिस तरह से चीनी सैनिकों ने समझौते का उल्लंघन करते हुए भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की उसके बाद यूएस राजनयिक का यह बयान अहम है।
विस्तारवादी नीति से चीन पीछे हटे
भारतीय सेना ने कहा था कि 29-30 अगस्त की रात चीनी सेना की तरफ से घुसपैठ की कोशिश की गई थी और एक तरह से पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर यथास्थिति को बदलने की भी कोशिश की गई। यूएस राजनयिक कहते हैं कि वो मानते हैं कि चीन को अपनी कथनी और करनी में भेद नहीं करना चाहिए। लद्दाख इलाके में तनाव को ईमानदारी से खत्म करने की दिशा में आगे आए। चीन जिस तरह से अपने चारों तरफ तनाव की स्थिति का निर्माण कर चुका है वो दुनिया के लिए घातक है और उसे किसी भी कीमत पर खत्म करना ही होगा।