- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस को चाइना वायरस कहते हैं।
- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी कोशिशों की तारीफ की
- चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन को समय समय पर ट्रंप देते रहते हैं झिड़की
नई दिल्ली। इस समय दुनिया एक ऐसे संकट के दौर से गुजर रही है जिसका इलाज फिलहाल सिर्फ ऐहतियात है। ऐहतियात भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग। दुनिया के शक्तिशाली से लेकर कमजोर देशों का एक ही दुश्मन है और नाम उसका कोरोना है। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन लाने की कवायद जारी है। रूस कह चुका है कि उसने वैक्सीन तैयार कर ली है तो ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की भी तरफ से एस्ट्रोजेनेका के बारे में अच्छी खबर आई कि वो सेफ है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वैक्सीन बनाने की दिशा में हम शानदार उपलब्धि हासिल कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के खिलाफ अमेरिकी तैयारी शानदार
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक और ट्वीट किया अगर कोरोना वायरस महामारी की बात करें तो दुनिया के ऐसे मुल्क जो सबसे अधिक सामना कर रहे हैं उनमें अमेरिका का रिकॉर्ड बेहतर है। हम बहुत अच्छा कर रहे हैं और हम अच्छा कर चुके हैं जो दूसरे देश कर सकते थे। लेकिन आप चाइना वायरस के संबंध में किसी तरह की भ्रामक खबर नहीं सुनेंगे।
चीन और WHO पर एक बार फिर साधा निशाना
अमेरिकी राष्ट्रपति बार बार यह कहते रहे हैं कि यह चीन जनित महामारी है। लेकिन सबसे बड़ी गलती विश्व स्वास्थ्य संगठन की है। पहले तो वो संगठन समय पर जानकारी देने में चूक गया तो दूसरी तरफ भ्रामक जानकारी देता रहा। उन्होंने पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की आर्थिक मदद रोकी और बाद में अलग हो गए। इसके साथ ही चीन को चेताया भी कि अगर उसने जानबूझकर महामारी की फैलने में मदद की तो अंजाम बुरा होगा। उन्होंने कहा कि चीन की शैतानी को इस बात से भी समझा जा सकता है जब पूरी दुनिया तबाही के दौर से गुजर रही है तो वो चालबाजी पर उतर आया है।
कोरोना वैक्सीन पर शोध जारी
दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन पर शोध जारी है। रूस ने हाल ही में दावा किया है कि उसने वैक्सीन बना ली है। लेकिन उसके बारे में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि वो एक खास जलवायु वाले देशों के लिए असरकारी होगी। इन सबके बीच ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड- एस्ट्रोजेनेका ने कहा कि उनकी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और साइड इफेक्ट ना के बराबर है। इसके साथ ही भारत में भी अलग अलग संस्थानों के जरिए कोरोना वैक्सीन पर शोध कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।