संभवत: ऐसा शायद पहली बार है जब दुनियाभर के लोगों के लिए स्वास्थ्य समस्या एक बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। कोरोना वायरस की इस माहामरी के दौर में जीवन को लेकर अनिश्चितता लगातार बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में एक चीज तो तय है कि हमें अपने स्वास्थ्य की अपने जीवन की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी समय से पहले कर लेने की जरूरत है। समय पर प्लानिंग करने से और और अपनी लाइफ को सिक्योर कर लेने से भले ही समस्या टल तो नहीं जाएगी पर उससे हमें ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ सकता है।
कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में स्वस्थ और फिट रहना किसी भी इंसान का सबसे पहला उद्देश्य बन गया है। ऐसे समय में हेल्थ इन्श्योरेंस लोगों के लिए अपनी लाइफ सिक्योर करने और सेविंग करने का एक स्मार्ट विकल्प बन गया है। हेल्थ इन्श्योरेंस (स्वास्थ्य बीमा) बीमा कंपनी (इन्श्योरेंस कंपनी) और पॉलिसी होल्डर (जो बीमा करवा रहा है) के बीच एक समझौता होता है जिसमें बीमा खरीदने वाला हर महीने एक निश्चित राशि बीमा कंपनी के पास जमा करता है और बदले में कंपनी उसकी मेडिकल खर्चों को सिक्योर करता है।
मार्केट में कई प्रकार के हेल्थ इन्श्योरेंस कंपनियां हैं जो लोगों को उनकी जरूरतों के हिसाब से उनका इन्श्योरेंस करवाती हैं। अगर आप भी किसी भी हेल्थ इन्श्योरेंस प्लान को खरीदना चाहते हैं तो इससे पहले आपको समझ लेना चाहिए इसके अलग-अलग प्रकार के बारे में जिससे आपको समझने में आसानी होगी।
व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा (Individual Health Insurance)
इस प्रकार के हेल्थ इन्श्योरेंस प्लान में केवल एक पॉलिसी होल्डर होता है। ये उनके लिए बेस्ट है जो कम से कम प्रीमियम अमाउंट हर महीने जमा कराना चाहते हैं। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा उस व्यक्ति की आयु और उसकी मेडिकल कंडीशन पर निर्भर करती है।
फैमिली हेल्थ इन्श्योरेंस
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इसमें पूरे परिवार का स्वास्थ्य बीमा कराया जाता है। एक ही पॉलिसी के अंदर परिवार के सारे सदस्यों का हेल्थ इन्श्योरेंस होता है। ये परिवार के सबसे बड़े सदस्य की आयु और उनकी मेडिकल कंडीशन के ऊपर आधारित होता है।
ग्रुप हेल्थ इन्श्योरेंस
ये भी एक प्रकार से फैमिली हेल्थ इन्श्योरेंस के जैसा ही है। इसमें कुछ लोगों के समूह का एक सिंगल इन्श्योरेंस प्लान होता है। ये मुख्य रुप से कंपनियों के द्वारा अपने कर्मचारियों का कराया जाता है। ये कॉर्पोरेट के लिए फायदेमंद होता है जहां पर सभी कर्मचारियों को एक बराबर इसका लाभ मिलता है। यह व्यक्तिगत हेल्थ इन्श्योरेंस से सस्ता होता है। हर एक कर्मचारी का अलग-अलग स्वास्थ्य बीमा कराने से अच्छा है कि सभी का एक ही ग्रुप इन्श्योरेंस के तहत बीमा कराया जाए।
क्रिटिकल हेल्थ इन्श्योरेंस
इसमें बेहद गंभर बीमारियों जैसे कैंसर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट और पैरालिसि जैसी स्थितियों में व्यक्ति का हेल्थ इन्श्योरेंस कराया जाता है जिसे क्रिटिकल हेल्थ इन्श्योरेंस कहा जाता है। इसका फायदा ये है कि पॉलिसी होल्डर डायग्नोसिस स्टेज में भी बीमा के फायदे को लेकर क्लेम कर सकता है।
सीनियर सिटिजन हेल्थ इन्श्योरेंस
सीनियर सिटिजन यानि बड़े बुजुर्गों की आमतौर पर हेल्थ कंडीशन खराब होती है। उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुंचने पर उन्हें कई प्रकार की बीमारियां घेर लेती हैं। ऐसे में उन्हें हर समय डॉक्टरों और दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ता है और ऐसे ही हालात में जरूरत पड़ती है उन्हें हेल्थ इन्श्योरेंस पॉलिसी की। ये पॉलिसी उनकी जरूरतों के लिए फिट बैठती है। यह 65 से अधिक उम्र के बुजुर्गों पर लागू होती है।
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